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नगर पालिका अध्यक्ष पति के खिलाफ फूटा गुस्सा, कलेक्टर के पास पहुंचे हितग्राही 

सरस्वती संकेत समाचार खैरागढ़ –

नगर पालिका अध्यक्ष के पति के खिलाफ फूटा गुस्सा कलेक्टर पहुंचे हितग्राही

खैरागढ़। नगर के वार्ड क्रमांक 9 कुम्हारपारा स्थित राशन दुकान इन दिनों बदइंतजामी और लापरवाही का पर्याय बन चुकी है। पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के तहत गरीबों को राहत देने के बजाय यह दुकान अब उनके लिए मुसीबत बनती जा रही है।

लगातार बढ़ रही शिकायतों और अव्यवस्था के बीच सोमवार को करीब 40-50 गुस्साए हितग्राही कलेक्ट्रेट पहुँच गए और जमकर नाराजगी जताई। हितग्राहियों की यह भी शिकायत है कि उन्हें केवल चावल ही मिल रहा है, जबकि शक्कर और मिट्टी तेल अक्सर अनुपलब्ध रहते हैं।”

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उक्त राशन दुकान का संचालन नगर पालिका अध्यक्ष गिरजा चंद्राकर के पति नंद चंद्राकर द्वारा किया जा रहा है जिन पर पहले भी मनमानी और लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। अब जनता सीधे तौर पर उनके कार्यशैली पर सवाल उठा रही है जिससे नगर पालिका की कार्यप्रणाली भी कटघरे में खड़ी हो गई है।

सप्ताह में महज तीन दिन खुलती है दुकान, राशन के लिए भटकते हितग्राही

स्थानीय हितग्राहियों का कहना है कि राशन दुकान नियमित रूप से नहीं खुलती। सप्ताह में केवल तीन दिन खुलने वाली इस दुकान के कारण उन्हें कई बार लाइन में लगना पड़ता है और कई बार खाली हाथ लौटना पड़ता है। निर्धारित समय सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक दुकान बंद कर दी जाती है जबकि कई बार तो बिना किसी सूचना के राशन वितरण रोक दिया जाता है।

राशन विवाद में संचालक का आपा खोया, हितग्राहियों के साथ अभद्रता – सभी राशन कार्ड फेंके बाहर

घटना की प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शासकीय राशन दुकान में मंगलवार को उस वक्त हंगामे की स्थिति बन गई जब राशन लेने पहुंचे हितग्राहियों के साथ संचालक ने बेहद अभद्र व्यवहार किया। जानकारी के अनुसार,हितग्राहियों द्वारा राशन दिए जाने की बात कहने पर संचालक अचानक आवेश में आ गया और सभी राशन कार्डों को दुकान से बाहर फेंक दिया। एक बुजुर्ग महिला ने बताया, “हमने सिर्फ अपने हक का राशन माँगा, लेकिन जवाब में अपमान मिला। ऐसा लगता है जैसे हम भीख माँग रहे हों।”

महिलाएं बोलीं – “चेहरा देखकर बांटा जाता है राशन”

राशन लेने पहुँची महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए। इतवारी बाजार की हेमलता निषाद ने कहा, “तीन बार आ चुकी हूं, हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है। जब बोलते हैं तो जवाब मिलता है – ‘बहुत बोलती हो, राशन लेकर निकलो।’ चेहरा देखकर और पहचान के आधार पर ही राशन दिया जाता है।”

धरमपुरा की शारदा ढीमर ने कहा, “दो बार आ चुकी हूं, पर अब तक राशन नहीं मिला। रोजी-मजदूरी छोड़कर आती हूं। जब कलेक्टर से शिकायत की, तब जाकर दुकान खोली गई। अब फिर कहा जा रहा है कि ऑपरेटर नहीं है।”

गोदावरी कांडरा ने कहा, “तीन बार लाइन में लग चुकी हूं, परिवार बड़ा है, राशन पूरा नहीं मिलता। अंत में मजबूरी में बाजार से महंगा चावल खरीदना पड़ता है।”

फूड इंस्पेक्टर बोले – दुकान नियमानुसार खुली थी

फूड इंस्पेक्टर विनोद सागर का कहना है कि मंगलवार को दुकान सुबह 9 बजे खोली गई थी और दोपहर 1 बजे भोजन के लिए बंद की गई।

संचालक का तर्क – “2600 कार्ड, इसलिए परेशानी”

संचालक नंद चंद्राकर ने सफाई देते हुए कहा, “हमारी दुकान पर 2600 राशन कार्ड हैं, जो खैरागढ़ क्षेत्र में सबसे अधिक हैं। हम रोज सुबह 9 बजे दुकान खोलते हैं। भीड़ अधिक होने के कारण कभी-कभी दिक्कत हो जाती है।

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