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न्याय की मंदिर से उठी आवाज़, हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत से जनआंदोलन बना मीरा बाई चौक का मामला

खैरागढ़ सरस्वती संकेत से राजेंद्र सिंह चंदेल की रिपोर्ट –

न्याय की मंदिर से उठी आवाज़, हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत से जनआंदोलन बना मीरा बाई चौक का मामल

 

42 डिग्री की तपन में पसीने से तर-बतर लोग बोले: हमें चाहिए हमारी पहचान, हमारी मीरा बाई!

 

खैरागढ़। नगर के हृदयस्थल मीरा बाई चौक को लेकर शुक्रवार को खैरागढ़ न्यायालय परिसर से जो अलख जगी, उसने देखते ही देखते जनआंदोलन का रूप ले लिया। खैरागढ़ की पहचान, आस्था और आत्मसम्मान के प्रतीक माने जाने वाले इस चौक पर बगैर जनसहमति की छेड़छाड़ से आक्रोशित नगरवासी अब खुलकर सामने आ रहे हैं।

 

एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सुमित जैन, युवा नेता भूपेंद्र वर्मा और सूरज देवांगन के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस हस्ताक्षर अभियान को विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन और नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन का भी सक्रिय समर्थन मिला। अभियान की शुरुआत अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुरेश ठाकुर, वरिष्ठ अधिवक्ता कमलाकांत पांडे, सुनील पांडे, उपाध्यक्ष गिरिराज सिंह समेत दर्जनों वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा हस्ताक्षर कर की गई।

1000 से अधिक लोगों ने एक ही दिन में किया समर्थन

अभियान की गति ऐसी रही कि देखते ही देखते यह न्यायालय परिसर से निकलकर मीरा बाई चौक, नया बस स्टैंड, जय स्तंभ चौक, राजीव चौक और गोलबाजार तक फैल गया। आम नागरिकों, व्यापारियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक सुर में अपनी सहभागिता जताई। इस जनभागीदारी ने साबित कर दिया कि यह केवल चौक का मामला नहीं, बल्कि नगर की आत्मा का सवाल है।

नाराजगी नगर पालिका से – बिना प्रस्ताव, बिना सहमति

जनता ने स्पष्ट आरोप लगाए हैं कि नगर पालिका परिषद और मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा बिना किसी प्रस्ताव और जनसहमति के मीरा बाई चौक पर तोड़फोड़ की गई, जो सीधे तौर पर नगरवासियों की भावनाओं और संस्कृति पर हमला है। लोगों का कहना है कि यह चौक केवल एक चौराहा नहीं, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है।

 

मांग – मीरा बाई की प्रतिमा हो पुनः स्थापित

 

लोगों की प्रमुख मांग है कि चौक पर पूर्ववत मीरा बाई की प्रतिमा को उसी स्थान पर पुनः स्थापित किया जाए। यह न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि खैरागढ़ शहर की पहचान भी इसी से जुड़ी है।

 

पर्यावरण को लगा झटका – पेड़ों की कटाई पर भारी आक्रोश

 

चौक के आसपास लगे पुराने और विशालकाय पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने पर्यावरण प्रेमियों को भी आंदोलन से जोड़ दिया है। नागरिकों ने बताया कि ये पेड़ न केवल गर्मी से राहत देते थे, बल्कि सौंदर्य और हरियाली का केंद्र भी थे। जब तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार कर गया हो, ऐसे में छांव देने वाले पेड़ों को काटना लोगों की पीड़ा को और बढ़ा रहा है।

 

26 और 27 अप्रैल को महाअभियान, सौंपा जाएगा ज्ञापन

 

अब यह अभियान जनसैलाब में तब्दील होता दिख रहा है। 26 अप्रैल को विभिन्न वार्डों में और 27 अप्रैल को शहर के सबसे बड़े साप्ताहिक बाजार इतवारी बाजार में व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। तत्पश्चात एक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन 28 अप्रैल को सौंपा जाएगा कलेक्टर को, तथा नगर पालिका के अधिकारी के विरुद्ध शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किये जाने बाबत खैरागढ़ थाना प्रभारी को आवेदन दिया जायेगा। जिसमें जनभावनाओं और पर्यावरण की चिंता को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाएगा।

 

सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी

 

इस अभियान में अरुण भारद्वाज, रविन्द्र सिंह गहेरवार, भरत चंद्राकर, पूरन सारथी, मनोज बैद, पार्षद दिलीप लहरे, महेश यादव, उमेश साहू, सूर्यकान्त यादव, रामगोपाल वर्मा, शेखर दास वैष्णव, चंद्रशेखर वर्मा, रामकुमार जांगड़े, अजय देवांगन सहित बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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