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विश्वविद्यालय की संस्थापक सदस्य राजकुमारी उषादेवी सिंह को विश्वविद्यालय परिवार ने दी श्रद्धांजलि

विश्वविद्यालय की संस्थापक सदस्य राजकुमारी उषादेवी सिंह को विश्वविद्यालय परिवार ने दी श्रद्धांजलि

ग्रंथालय परिसर में शोकसभा का हुआ आयोजन

खैरागढ़. इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की संस्थापक सदस्य राजकुमारी उषादेवी सिंह के निधन पर विश्वविद्यालय परिवार ने शोकसभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। गुरूवार 23 जनवरी को विश्वविद्यालय के कैम्पस-01 स्थित ग्रंथालय के सामने विश्वविद्यालय परिवार के द्वारा दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें नमन करते हुये श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान कुलसचिव श्री प्रेम कुमार पटेल, अधिष्ठातागण प्रो.डाॅ.मृदुला शुक्ल, प्रो.डाॅ.राजन यादव, प्रो.डाॅ.नीता गहरवार, प्रो.डाॅ.नमन दत्त, डाॅ.योगेन्द्र चैबे, प्रो.डाॅ.देवमाईत मिंज व सहायक कुलसचिव श्री राजेश कुमार गुप्ता सहित प्राध्यापकगण व कर्मचारीगण सहित विद्यार्थी-शोधार्थी उपस्थित रहे।

राजकुमारी उषादेवी सिंह के नाम से है विवि का ग्रंथालय

विश्वविद्यालय के संस्थापकद्वय मान. राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह एवं रानी पद्मावती देवी जी की ज्येष्ठ सुपुत्री राजकुमारी उषादेवी सिंह जी के योगदान को दृष्टित रखते हुये विश्वविद्यालय के ग्रंथालय का नामकरण उनके नाम पर किया गया। राजकुमार उषादेवी सिंह का जन्म 1936 में नागपुर में हुआ था। वे स्व.राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह एवं रानी पद्मावती देवी की सबसे बड़ी पुत्री थी, उनके बाद स्व.राजकुमारी इंदिरा थी जिनके नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। उनके बाद राजकुमारी शारदा देवी एवं दो पुत्र राजकुमार रविन्द्र बहादुर सिंह एवं राजकुमार शिवेन्द्र बहादुर सिंह जी हुये। राजकुमारी उषादेवी सिंह को संगीत, उपन्यास तथा धार्मिक पुस्तक पढ़ने में रूचि थी। उन्होंने अपने पास मौजूद पुस्तकों में से अधिकांश पुस्तकें विश्वविद्यालय के ग्रंथालय के लिये दान कर दिया ताकि विद्यार्थियों को उसका लाभ मिल सके।

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