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छात्राओं का प्रिंसिपल के खिलाफ मोर्चा, धर्म परिवर्तन और धमकी देने के आरोप” निलंबन की मांग़

 छात्राओं का प्रिंसिपल के खिलाफ मोर्चा, धर्म परिवर्तन और धमकी देने के आरोप” निलंबन की मांग़

खैरागढ़–खैरागढ़ जिले के छुईखदान में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छुईखदान में छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसिपल उनके धर्म और धार्मिक भावनाओं के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहे हैं। एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के सहयोग से छात्राओं ने इस मुद्दे को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।

यह है प्रमुख आरोप

धर्म परिवर्तन का दबाव: छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसिपल उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहे हैं, जो कि उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

सरस्वती पूजन पर जूता पहनने का दबाव: छात्राओं का कहना है कि प्रिंसिपल ने सरस्वती पूजन के दौरान जूता पहनने का दबाव डाला, जबकि उनके धर्म में पूजा करते समय जूते पहनना अशुभ माना जाता है।

आई कार्ड, बैच और बेल्ट पर अतिरिक्त शुल्क: छात्राओं का आरोप है कि विद्यालय ने बैच और बेल्ट के नए प्रतीक चिन्ह बनवाए हैं, जिसके लिए छात्राओं से 100 रुपये की फीस वसूली जा रही है। इसके बाद, नए बैच और बेल्ट के लिए अतिरिक्त पैसे की मांग की जा रही है।

टीसी देने की दिया जाता है धमकी

आरोप है कि यदि छात्राएं इन मुद्दों पर विरोध करती हैं, तो प्रिंसिपल उन्हें टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) देने की धमकी देते हैं। साथ ही, नवरात्रि के दौरान उपवास रखने और छुट्टी लेने पर भी उन्हें धमकाया जाता है।

 

पहले की शिकायतें

यह मामला पहले भी छुईखदान विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पास पहुंच चुका था, लेकिन शिक्षा अधिकारी ने इसे हल्के में लिया और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके बाद, छात्राओं ने एबीवीपी के नेतृत्व में एक बडे़ पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्राओं ने 100 से अधिक की संख्या में एसडीएम कार्यालय पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने तत्काल प्रिंसिपल के निलंबन की मांग की है।

क्या होगी आगे की रणनीति

एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे और प्रिंसिपल का पुतला फूंकेंगे।

क्या कहते है शिक्षा अधिकारी

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से बाइट लेने की कोशिश किया गया लेकिन उन्होंने किसी प्रकार की जवाब देने से इनकार किया गया । वहीं, विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने भी जवाब नहीं दिया गया

अब यह देखना होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले में किस दिशा में कार्रवाई करते हैं और क्या छात्रों की मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा। यदि जल्दी कोई कार्रवाई नहीं होती, तो विरोध और बढ़ सकता है। इस मामले की जांच जल्द से जल्द करनी होगी, ताकि छात्राओं के अधिकारों की रक्षा हो सके और स्कूल में शांति बनी रहे।

”मेरे खिलाफ साजिश रचा गया है, मैंने कभी भी बच्चो को धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य नहीं किया है. मै खुद मंदिर, मस्जिद जाती हूँ, मै हमेशा बच्चो को डिसिप्लिन में रहने की सलाह दी है”

एलिज़ा मोजेस, प्रिंसिपल शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला छुईखदान

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