खैरागढ़-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के क्षेत्र में बीते दिनों से हो रही तेज बारिश के साथ मानसून सक्रिय हो गया है। क्षेत्र में मानसून सक्रिय होने के बाद से क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में हर दिन वर्षा हो रही है। इससे किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इस बार मानसून समय पर आया नहीं है। जिससे किसान अपना खेती कार्य समय पर शुरू कर चुके हैं और समय पर फसल की बोआई, निदाई और कटाई भी हो पाएगी। क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा से मिट्टी गिली हो चुकी है। इसके चलते किसान खेतों की साफ-सफाई और जोताई कार्य में तेजी आई हैं। कृषि कार्य में तमाम तरह के कृषि उपकरण आने के बाद भी कई ऐसे कार्य हैं, जो बिना मानव श्रम संभव नहीं है। सभी तरह के उपकरण आने के बाद भी किसान पारम्परिक तरीके से खेत की जोताई कर धान बोने की तैयारी में लगे हैं। खेती किसानी के लिए उपयुक्त धान की बोआई एवं रोपाई के लिए थरहा डलाई का समय प्रारंभ हो चुका है।
खाद बीज का भंडारण करने में लगे हैं किसान:–
किसान इन दिनों अपने-अपने खेत तैयार करने में जुटे हुए हैं और खाद बीज के भंडारण करने में लगे हुए हैं। कई किसान परिवार अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ खेत मे जोताई में जुटे हुए हैं। किसान हिरवन साहु ने बताया कि लगातार सप्ताह भर पहले रुक रुक के बारिश होने के कारण खेत नमी युक्त हो गई है जिससे खेत में खरपतवार न हो करके अभी से जोताई की जा रही है। किसान अरूण पटेल ने बताया कि जून की पहले बारिश से जुटे हुए है। जोताई से जल, वायु और मिट्टी का प्रदूषण कम होता है। मिट्टी में सुधार होता है और मिट्टी में पानी धारण करने की क्षमता बढती है।
कीट प्रकोप व खरपतवार नष्ट करने शुरू हुई जोताई:–
किसान परऊ दास बर्मन ने बताया कि जोताई से खेत के मिटटी मुलायम व उत्पादक क्षमता बढ़ती है। जिससे आने वाले फसल में किट प्रकोप व खरपतवार नष्ट हो जाते । खड़ी फसल की तैयारी के लिए जोताई के साथ ही घरेलू निर्मित जैविक खाद का खेत में छिड़काव कर जोताई की जा रही है। किसान पन्नालाल ने बताया कि गहरी जोताई के बाद मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक प्रभाव नहीं होता। बीज, खाद प्रबंध कर अब खेत मे उत्तर गए हैं।