[the_ad id="217"]

छत्तीसगढ़ सरकार को शिक्षा से ज्यादा, शराब की चिंता

प्रदेश के निजी स्कूलों मे आज तक पुस्तके नहीं पहुंची 

शासकीय स्कूलों मे कुछ पुस्तके पहुंच तो गयी, लेकिन स्केन न होने से बच्चों को नहीं मिली 

शिक्षा विभाग का सारा सिस्टम फ़ैल, जिला शिक्षा अधिकारिओ को भी पूरी जानकारी नहीं 

जिला शिक्षा अधिकारियो के द्वारा पुस्तक पर आदेश जारी कर किया जा रहा है माननीय हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना 

जिला शिक्षा अधिकारियो पर, प्रायवेट स्कूल करेगा अवमानना का केस 

राज्य के प्रायवेट स्कूल संघ ने, अपने से जुड़े स्कूलों मे निजी प्रकाशन की पुस्तके संचालित करने का किया है स्टे प्राप्त 

सरस्वती संकेत समाचार खैरागढ़ –

स्कूल खुले 15 दिनों से अधिक होने को है, लेकिन राज्य सरकार अपनी कुम्भकरनी निद्रा मे सोयी है, सरकार शिक्षा के प्रति कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है की आज पर्यंत तक राज्य मे शिक्षा मंत्री नहीं है

जिसके चलते विभाग मे अधिकारी राज चल रहा है और लोकतंत्र को खुले आम चुनौती दी जा रही है, अधिकारी तरह तरह के आदेश प्रसारित कर रहे है उसमे भी कोई पालन हो ऐसा नहीं है

राज्य के मुख्य शिक्षा सचिव ने आदेश जारी कर कहा की राज्य मे शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत निजी स्कूलों मे निःशुल्क पढ़ने वाले बच्चे ड्राप आउट न हो इसका ध्यान रखा जाये, लेकिन ठीक इस आदेश के विपरीत जिला शिक्षा अधिकारियो द्वारा निजी स्कूलों को उन बच्चों की TC जारी करने का लिखित आदेश जारी किया जा रहा रहा है

इससे निजी स्कूल संचालक अस्मान्जस मे है की राज्य के मुख्य सचिव के आदेश का पालन करें या फिर जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश का, जो मुख्य शिक्षा सचिव के आदेश की अवहेलना करते हुए निजी स्कूलों को जारी किया हा रहा है

यही हाल शासन द्वारा जारी होने वाली निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों का है, जिसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी भी नहीं दे पा रहे है की कब तक निजी स्कूलों को पुस्तके मिल पायेगी, स्कूल खुले 15 दिन बीत गए आज पर्यंत तक पुस्तकों का पता नहीं नहीं, निजी स्कूल बच्चों को क्या पढ़ाये ये बहुत बड़ी विडंबना है

अधिकारी, अपने उच्च अधिकारियो के आदेश से परे अपना आदेश जारी तो कर ही रहे है, वो अपने आप को माननीय हाई कोर्ट से भी ऊपर समझकर, माननीय हाई कोर्ट के आदेश की भी अवमानना करने से नहीं चूक रहे है

छ ग प्रायवेट स्कूल मैंनेजमेंट एसोसिएशन रायपुर के प्रदेश सह सचिव एवं केसीजी जिला श्री राजेंद्र सिंह चंदेल ने बताया की पुस्तकों के संचालन हेतू हमने माननीय हाई कोर्ट से स्टे प्राप्त किया हुवा की संघ से जुडा स्कूल, अपने विद्यालय मे निजी प्रकाशनो की पुस्तके संचालित कर सकता है और सरकार द्वारा इसके लिए स्कूलों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती, हमने सभी जिलों मे अपने सदस्य स्कूलों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी को दे दिया है, जो स्कूल संघ से नहीं जुड़े है उन पर कार्यवाही करें हमें कोई आपत्ति नहीं

बावजूद उसके माननीय हाई कोर्ट के स्टे आदेश की अवमानना करते हुए, जिला शिक्षा अधिकारियो द्वारा निजी स्कूलों को सिर्फ सरकारी पुस्तक चलाने का आदेश दिया जा रहा है, उनको यह भी नहीं पता की सरकार प्री प्रयमरी कक्षाकी पुस्तक नहीं छापता, इस सम्बध मे जब उनसे बात की जाति है की सरकारी पुस्तके कब तक मिल जाएंगी तो उनको ये भी जानकारी नहीं है

कुछ जिला शिक्षा अधिकारी के पास लिखित और मौखिक शिकायत करने पर की फला स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रही है, कार्यवाही करने के बजाये उनका सरक्षण करते है और कहते है वो गलत कर रहे है ऐसा नहीं करना चाहिए, हम क्या कर सकते है, कहते हुए पल्ला झाड लेते है

आखिर मे अब सवाल यह है की क्या राज्य शासन द्वारा समय रहते बच्चों को पुस्तके उपलब्ध कराएगी जाएगी, जैसे राज्य सरकार शराब की व्यवस्था समय पर करती है, वैसे ही शिक्षा पर ध्यान देते हुए बच्चों की पुस्तकों की व्यवस्था करें या पुस्तकों को ओपन मार्केट मे उपलब्ध करा दे तो बच्चों की पढ़ाई व्यवस्था मे सुधार होगा – यही सरकार से संघ ने मांग किया है

यदि 2 दिवस के भीतर मांग नहीं मानी जाति है तो संघ उग्र आंदोलन करेगा, साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियो पर अपने उच्च अधिकारी एवं माननीय हाई कोर्ट के आदेश का अवमानना पर केस दायर करेंगी

 

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Reply

[the_ad id="219"]
POLL
What does "money" mean to you?
  • Add your answer
BREAKING NEWS
LIVE CRICKET