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लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया जा रहा लगातार घोटाला शासकीय धन का दुरुपयोग कर लाखों रुपए का किया गबन 

लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया जा रहा लगातार घोटाला शासकीय धन का दुरुपयोग कर लाखों रुपए का किया गबन 

 

खैरागढ़:-  खैरागढ़ लोक निर्माण विभाग द्वारा एलईडी बोर्ड एवं सड़क निर्माण कार्य में लगातार घोटाले पर घोटाला किया जा रहा है। इसकी शिकायत पहले भी किया जा चुका है लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क निर्माण कार्य में विभागीय माप पुस्तिका के अनुसार ठेकेदार के साथ साठ गाठ कर आर्थिक लाभ हेतु फर्जी माप दर्ज किया गया है। जितनी माप होनी चाहिए उतनी माप नही किया गया है। जिसकी शिकायत पहले भी दिनांक 10/06/2023 को खैरागढ़ थाना में कि गई थी लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार कि कार्यवाही नहीं कि गई है। खैरागढ़ लोक निर्माण विभाग के द्वारा शासकीय राशि का मिलीभगत से 13 लाख 33 हजार 211 रुपए का गबन कर शासन को क्षति पहुंचायी गई है।

आदित्य सिंह परिहार ने बताया कि उनके द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत लोक निर्माण विभाग पर आवेदन प्रस्तुत कर क्रय के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। जिस जानकारी से स्पष्ट हुआ है कि कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण द्वारा अपने चहेतों को 1504400/- रुपए भुगतान कर शासन को सीधा चुना लगाया गया है जबकि यह कार्य का टेंडर आनलाइन में होना था जो कि शासन के अनुरूप 3,00,000/- से अधिक का शासकीय कार्य कराए जाने पर टेंडर की प्रकिया अपनाई जानी चाहिए जोकि इसे भी दरकिनार कर अपने आदमी को फायदा पहुंचाने की दृष्टि से कोटेशन में कार्य करवाया गया है जो कि शासन को लाखों रुपए कि क्षति पहुंचाई गई है।

इसके द्वारा प्रदाय दस्तावेज में जो बील बाउचर लगाएं गए हैं। उसकी भी सूक्ष्मता से जांच किया जाएगा तो स्पष्ट रुप से खुलासा हो जाएगा कि कितने लाखों रुपए का हेर फेर किया गया है। लोक निर्माण विभाग लगातार 2023 से शासकीय राशि में धांधली करती आ रही है।

शिकायत के बाद भी घोटाला जारी 

पहले भी इसकी शिकायत एवं लगातार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने पर भी कार्यवाही नहीं होने से भ्रष्टाचारियों का हौसला बुलंद होते जा रहा है क्योंकि शिकायत होती है और मामला को दबा दिया जाता है। जिससे की भ्रष्टाचारी और भी निर्भीक होकर जमकर शासकीय राशि का गबन किया जा रहा है।

कलेक्टर को पुनः किया गया शिकायत 

लोक निर्माण विभाग द्वारा लगातार घोटाला को देखते हुए और उसकी जांच नही होने पर एक बार पुनः जांच के लिए कलेक्टर एवम् एंटी करप्सन ब्यूरो रायपुर में पुनः शिकायत दर्ज कराया गया ताकि इस प्रकार का भ्रष्टाचार ख़त्म हो सके और शासकीय राशि का सदुपयोग हो ।

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