केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ.वीरेंद्र कुमार और सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी करेंगे वर्चुअल उद्घाटन
राजनांदगांव. दिव्याँगजन कौशल विकास, पुनर्वास और सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र, (सीआरसी) राजनांदगांव के नये भवन का विधिवत उद्घाटन बुधवार 21 फरवरी को ठाकुरटोला में भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ.वीरेंद्र कुमार व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी वर्चुअली करेंगे. जानकारी अनुसार बुधवार 21 फरवरी को दोपहर 1 बजे सीआरसी के नये भवन का विधिवत उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न होगा. कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडे विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे. इस दौरान विधान सभा और जिला सरकारी प्राधिकारियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित अन्य प्रमुख हितधारक भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद के निदेशक (कार्यवाहक) मेजर बी. वी. राम कुमार व सीआरसी राजनांदगांव की निदेशक श्रीमती स्मिता महोबिया प्रमुख अधिकारी के रूप में मौजूद रहेंगी. इस भव्य उद्घाटन कार्यक्रम में तकरीबन 700 दिव्याँगजनों, पालक गण व आम जनता के भाग लेने की उम्मीद है, जिसमें लगभग 100 लाभार्थियों को सहायक उपकरण जैसे हियरिंग एड, टीएलएम किट व गतिशीलता उपकरण अर्थात् व्हील चेयर प्रदान किया जायेगा। इस कार्यक्रम में सीआरसी एकेडेमिक राजनांदगांव की श्रीमती स्मिता महोबिया, प्रशांत मेश्राम, आशीष परासर, अस्विनी नोटियाल, गजेंद्र कुमार साहू, श्रीमती पूनम, मेघा दूबे, चुनमुन मोहंती, निधि रंजन, स्नेहा शर्मा, स्वेता, भावना पाली, पुनीत साहू , नीरज, फ़रीदा व प्रेरणा सहित समस्त प्राध्यापकगण, कर्मचारी व छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहेंगे। सीआरसी केंद्र राजनांदगांव की स्थापना दिव्याँगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने 25 जून 2016 को राजनांदगाँव में की थी। गौरतलब है कि दिव्याँगजन कौशल विकास, पुनर्वास और सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र, राजनांदगांव (सीआरसी-राजनांदगांव) की स्थापना दिव्याँगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 25 जून 2016 को राजनांदगाँव में की गई थी। यह केंद्र राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्याँगजनों के सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीआईडी), सिकंदराबाद के प्रशासनिक नियंत्रण में निरंतर सर्वोत्तम कार्य कर रहा है। पाठकों को बता दे कि सन 2016 से लेकर आज तक, समेकित क्षेत्रीय केंद्र दिव्याँग जनों के अधिकार अधिनियम 2016 में उल्लिखित सभी 21 प्रकार के दिव्याँगजनों को पुनर्वास और विशेष शिक्षा सेवाएं प्रदान करता हैं और बहुत सी गतिविधियों का संचालन करके शैक्षणिक सेवाएं भी प्रदान करता है. उदाहरण के लिये अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम और विशेष शिक्षा (बौद्धिक दिव्याँगता) में एक दीर्घकालिक डिप्लोमा पाठ्यक्रम यहां संचालित है वही समेकित क्षेत्रीय केंद्र-राजनांदगांव वर्तमान में दिव्याँगजनों के लिये विभिन्न सेवाएं भी प्रदान करता है जैसे प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप, व्यावसायिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, शारीरिक चिकित्सा और पुनर्वास, मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप, प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स, वाक् ,भाषा और श्रवण जाँच , विशेष शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामाजिक कार्य, प्लेसमेंट, दूरस्थ सेवाएं, मानव संसाधन विकास, अनुसंधान एवं विकास, किरण मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन (एमएचआरएच) जैसी बेहद महत्वपूर्ण गतिविधियां छत्तीसगढ़ राज्य के लिये सीआरसी, राजनांदगांव द्वारा संचालित की जा रही है। इसके अलावा बौद्धिक दिव्याँगजनों को शारीरिक दिव्याँगता के अनुरूप सहायक उपकरण जैसे कृत्रिम अंग, बैसाखी, व्हील चेयर आदि और शिक्षण एवं शिक्षण सामग्री (टीएलएम) किट सहित सहायक उपकरणों का नियमित वितरण भी एडीआईपी योजना के तहत निःशुल्क किया जाता हैं और यहां पर श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिये कान के पीछे में लगाने वाली श्रवण यंत्र भी प्रदान की जाती हैं। ग्राम पंचायत ठाकुरटोला में भवन का निर्माण छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आवंटित 4151.38 वर्ग मीटर भूमि पर किया गया है
गौरतलब है कि सीआरसी, राजनांदगांव का नया भवन ग्राम पंचायत ठाकुरटोला में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आवंटित 4151.38 वर्ग मीटर भूमि पर किया गया है। यह भवन लगभग 2 मंजिला है और सर्व सुविधाओं के साथ बनाया गया है। 4.9989 एकड़ जमीन पर लगभग 32 करोड़ रु. की लागत से बनी है नई इमारत, 35 है निर्मित। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत ठाकुरटोला राजनांदगांव में कुल 4.9989 एकड़ जमीन पर लगभग 32 करोड़ रु. की लागत से निर्मित इस इमारत में कुल 35 कमरे हैं और क्रमशः भूतल (ग्राउंड फ्लोर) में 17 कमरे और पहली मंजिल (फर्स्ट फ्लोर) में बनाये गये 18 कमरे का बहुत मजबूती और खूबसूरती से निर्माण किया गया हैं ।
नये भवन की ये है मुख्य विशेषताएं
सीआरसी राजनांदगांव की इमारत को सभी प्रकार के दिव्याँगजनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी सार्वभौमिक सुलभ सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। हाथ की रेलिंग के साथ रैंप और सीढ़ियाँ, ब्रेल साइनेज बोर्ड, पीले रंग के स्पर्शनीय नालीदार टाइल वाले फर्श इसमें लगाएं गये है और गलियारे की चौड़ाई सामान्य से अधिक रखी गई है वही दोगुनी ऊंचाई की रेलिंग लगाई गई है ताकि बौने दिव्यांगजनों के साथ-साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिये भी स्वतंत्र रूप से यहां चलना सुविधाजनक हो। यहां पर दिव्यांगजनों की गोपनीयता बनाये रखने के लिये सुलभ शौचालयों को कम ऊंचाई और आसान लॉकिंग सिस्टम के साथ तय किया गया है और मुख्य प्रवेश द्वार के पास दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ पार्किंग भी सुनिश्चित की गई है।
इन सभी सेवाओं के लिये सीआरसी, राजनांदगांव में आने वाले दिव्याँग व्यक्तियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए इस भवन में हरियाली वाले लॉन और उद्यान निर्मित हैं।भवन परिसर में सौर प्रणाली और वर्षा जल संचयन प्रणाली का प्रस्ताव है।इमारत आधुनिक अग्नि सुरक्षा सेंसर और अग्नि सुरक्षा उपकरणों से भी सुसज्जित है। सीआरसी कैंपस पूरी तरह सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहेगा और इस भवन में इंटरनेट लीज्ड लाइन सुविधा उपलब्ध होगी जो तेज और विश्वसनीय ऑनलाइन संचार में मदद करेगी और हमें वर्चुअल प्रशिक्षण के साथ-साथ टेली-पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।
संक्षेप में यह भवन दिव्यांगजनों के लिए पूरी तरह से बाधा रहित है और इसे दिव्यांगजनों के लिए अत्याधुनिक केंद्र बनाने के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है।