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संविधान में प्रदत्त अधिकारों से अधिक मूल कर्तव्य के पालन की आवश्यकता है – सीजेएम गर्ग

संविधान में प्रदत्त अधिकारों से अधिक मूल कर्तव्य के पालन की आवश्यकता है – सीजेएम गर्ग

खैरागढ़ :- मंथली प्लान का एक्शन के तहत व छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर और अध्यक्ष आलोक कुमार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष चन्द्र कुमार कश्यप तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ के मार्गदर्शन में दिनांक 10.12.2023 को ग्राम घोंठिया और टोलागांव में में मनाया गया मानवाधिकार दिवस।

इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक गर्ग ने विश्व मानवाधिकार दिवस का जिक्र करते हुए कहा कि जो अधिकार मानव को जन्मजात प्राप्त होते हैं उसे मानव अधिकार कहते हैं। 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकार संस्था का गठन हुआ । यह संस्था विश्व में मानव हितो की रक्षा करने के साथ ही उनके अधिकारों की भी रक्षा करती है ।किंतु हमारे देश की विडंबना है कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी मानवाधिकार के हनन के मामले देखे जाते हैं। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे अंदर शिक्षा की कमी है और हम अपने अधिकारों से परिचित नहीं है। हमें अपने अधिकारों को जानना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित ग्रामीण ग्रामीणों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के लिए कहा।

हरेक व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना बेहद जरुरी है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को यह पता होना चाहिए कि उसे हमारे संविधान ने क्या अधिकार दिए है। उन अधिकारों के लिए उसे लड़ना तो नहीं पड़ रहा है। कहीं कोई उसके अधिकारों का हनन तो नहीं कर रहा है। मानव अधिकारों की जानकारी सबसे महत्वपूर्ण है। लोगो को अपने अधिकारों के बारे में जानने की जागरूकता भी बढ़ी है। महिला हो या कोई पुरुष हों। किसी के भी अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। सरकार ने लोगो के हित के लिए सेवा का अधिकार दिया है। आपको गाड़ी की आरसी बनवानी है तो उसके लिए समय तय है। 15 दिन में आरसी बननी चाहिए। लोगों को यही नहीं पता कि इतने समय में गाड़ी की आरसी बनी तो संबंधित अथॉरिटी को पूछा जा सकता है। इस काम के बदले कोई रिश्वत लेता है तो लेने वाले पर कार्रवाई की जा सकती है। रोजाना में सरकारी और गैर सरकारी ऑफिसों से किसी किसी काम जाना पड़ता है। उनमें होने वाले कामों के बारे में सरकार ने नियम कानून बनाए है। क्या वे उन पर फिट बैटकर काम कर रहे हैं। नहीं कर रहे हैं तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है। इसकी जानकारी होनी चाहिए। किसी से भी जबरदस्ती कोई काम नहीं कराया जा सकता है। पुलिस की कार्रवाई के लिए भी पैरामीटर बने है। पुलिस भी मानव अधिकारों के दायरे में रहकर ही काम कर सकती है।साथ ही गर्ग ने लोगों से अपील की कि वे सभी यातायात के नियमों का पालन कर अपने जीवन को सुरक्षित करें।आगे पैरालिगल वॉलिंटियर गोलूदास साहू मूल अधिकार और मूल कर्तव्य के बारे में बताते हुए कहा कि संविधान में कुल 06 मूल अधिकार हैं इससे दोगुना मूल कर्तव्य है। मूल कर्तव्य को दोगुना इसलिए रखा गया है क्योंकि यदि हम अपने मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे तो हमारे अधिकार अपने-आप सुरक्षित हो जाएंगे। संविधान में प्रदत्त अधिकारों से अधिक मूल कर्तव्य के पालन की आवश्यकता है। हमें दूसरों को किताबी ज्ञान देने से पहले अपने आप को सुधारना होगा। अतः हमें न्याय और अन्याय में भेद करना चाहिए।इस अवसर पर ग्राम सरपंच कन्हैयालाल वर्मा, पंचगण, कोतवाल व बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।

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