[the_ad id="217"]

दूर- दराज वनांचल स्थित स्कूल में हुआ विधि साक्षरता शिविर का आयोजन

दूर- दराज वनांचल स्थित स्कूल में हुआ विधि साक्षरता शिविर का आयोजन

 

संघर्ष की चाबी सफलता के सभी बंद दरवाज़े खोल देती है- एडीजे

शनिवार को नक्सल प्रभावित वनांचल क्षेत्र स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला गातापार (जंगल) में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार के मार्गदर्शन में आयोजन हुआ। इसमें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप की अध्यक्षता एवं व्यवहार न्यायाधीश गुरुप्रसाद देवांगन, थाना प्रभारी गातापार अनिल शर्मा, पैरालीगल वालंटियर गोलूदास साहू कला प्रजापति, प्राचार्य ममता अग्रवाल , रेणु मालवीय व समस्त शिक्षक गण और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में संविधान के अंतर्गत प्रावधानित मूल कर्तव्य के पालन तथा लैंगिक अपराधों के संबंध में छात्र व छात्राओं को जागरूक किए जाने के लिए विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर के माध्यम से एडीजे चन्द्र कुमार कश्यप ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को धारा 354 के बारे में बताते हुए कहा कि यह धारा यदि कोई व्यक्ति किसी भी महिला के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी करता है अथवा उसकी लज्जा भंग करने उसकी मान-सम्मान को भंग करने के लिए गलत मंशा से जोर जबरदस्ती करता है चोटि या चुन्नी खींचना, छींटाकशी करना, आंख मारना ,लड़की के इच्छा के विरुद्ध कोई भी अपशब्द बोलना या उसे आई लव यू बोलना यह गैरकानूनी है तब उस व्यक्ति का कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।

यदि कोई व्यक्ति धारा 354 ए बी सी डी के अंतर्गत हो रहे अपराध के समय उस स्थान पर उपस्थित रहता है और वह उस अपराध को रोकने की स्थिति में होते हुए भी अपराध को नहीं रोकता है अपराध को नहीं रोकता है अथवा अपराधी को बचाने के लिए ऐसे अपराध की सूचना निकटतम मजिस्ट्रेट या पुलिस को नहीं देता है तब भी तीन वर्ष तक के कारावास की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है

मौलिक अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में बताया की

मौलिक अधिकार भारत के संविधान में निहित बुनियादी मानवाधिकार हैं जिनकी गारंटी सभी नागरिकों को दी गई है। मौलिक कर्तव्य भारत के संविधान का एक अभिन्न अंग हैं। इन्हें नागरिकों में अपने देश के प्रति देशभक्ति और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए जोड़ा गया था । सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और हमारे राष्ट्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए इन कर्तव्यों का पालन करना महत्वपूर्ण है।

हमें जंगल और जमीन की रक्षा करनी चाहिए। छात्र-छात्राओं से मौलिक कर्तव्यों के पालन के लिए आह्वान किया।

आगे एडीजे कश्यप ने बच्चों को करियर संबंधी गाइडेंस प्रदान करते हुए कहा कि वह अपने अंदर के टैलेंट को पहचानते हुए विषयों का चुनाव करें तभी सफलता मिल सकती है।

आगे व्यवहार न्यायाधीश गुरु प्रसाद देवांगन ने मोटरयान अधिनियम के बारे में बताया कि छात्र स्कूल व कॉलेज में बिना लाइसेंस, हेलमेट, इंश्योरेंस के बाइक लेकर आते हैं, जो अपराध हैं। और जैसी जैसी गाड़ी होती है उसके हिसाब से लाइसेंस भी अलग-अलग बनता है। आगे साइबर अपराध के संबंध में छात्र-छात्राओं को आगाह करते हुए उनको आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी का सदुपयोग करने की सलाह दी।

पैरालीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने आगे लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, शिक्षा का मूल अधिकार, बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम आदि विषयों पर जानकारी दी।

कार्यक्रम का संचालन पीएलवी गोलूदास साहू और आभार प्राचार्य ममता अग्रवाल द्वारा किया गया।

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Reply

[the_ad id="219"]
POLL
What does "money" mean to you?
  • Add your answer
BREAKING NEWS
LIVE CRICKET