बिलासपुर। माइनिंग अधिकारी बन कर ट्रक चालकों से वसूली और लूट करने के मामले में पुलिस ने एक युवक व एक महिला को गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस की मोनो लगी ब्रेजा कार भी जब्त की है। पहले युवती को थाने से ही छोड़ दिया गया था फिर एसएसपी के संज्ञान में मामला आने के बाद उसे आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया गया है। घटना कोनी थाना क्षेत्र की है।

उमेश राम पिता मोती मोची निवासी खैरादौहार जिला पालमू झारखंड ट्रेलर चालक है। वह ट्रेलर क्रमांक cg 13 al 4705 में कोयला लोड कर रायगढ़ से बिलासपुर आ रहा था। उसके साथ ट्रेलर क्रमांक cg13al4705 का चालक दिलीप उरांव एवं ट्रेलर क्रमांक cg13al6010 का चालक कुलदीप उरांव भी थे। जब वह गुरुवार की रात साढ़े दस बजे तुर्काडीह ब्रिज के पास पहुँचे थे तो तुर्काडीह ब्रिज के पास ब्रेजा कार क्रमांक cg 10 bj 4330 में सवार तीन लड़को ने उन्हें हाथ दिखा कर रुकवाया। उनकी कार के आगे पीछे लाल- नीली पट्टी वाली पुलिस स्टीकर लगी हूई थी।
तीनों लड़को ने उन्हें खुद को माइनिंग अधिकारी उनसे 5 हजार रुपये व बिल्टी की मांग की। जब उमेश राम के द्वारा कहा गया कि वह उसके पास कोयले की बिल्टी है तो वह रकम क्यो दे तो उसे ट्रेलर से जबर्दस्ती नीचे उतार कर मारपीट करते हुए उसकी शर्ट की जेब से 21 हजार नगद लूट लिए। उमेश राम ने युवकों की बात अपने ट्रांसपोर्टर से भी करवाई। ट्रांसपोर्टर ने भी जब बिल्टी होने की बात कही तो युवकों ने उन्हें मिक्सिंग कोयले के मामले में फंसाने व बिल्टी वापस करने के लिए प्रत्येक ट्रक एक लाख के हिसाब से तीन लाख रुपये मांगे। ट्रांसपोर्टर ने तत्काल इन्हें पकड़ने की योजना सोच ली और बार्गेनिंग कर दो लाख में सौदा तय कर लिया।
दूसरे दिन रकम देने के बहाने युवकों को तुर्काडीह पुल के नीचे मिलने की बात कही। ट्रांसपोर्टर इन्हें पकड़ने के लिए अपने साथियों के साथ जाल बिछा कर पहुँचा था। तीनों युवक कार में यहां रकम लेने आये पर ट्रांसपोर्टर व उसके साथियों को देख कर सारा माजरा समझते हुए भागने लगे। ट्रांसपोर्टर ने जब उनकी कार का पीछा किया तो उन्होंने अपनी कार कोनी थाना में घुसा दी। और वही कार खड़ी कर पीछे के रास्ते से बाउंड्री कूद कर फरार हो गए।
संगीन मामला होने के बाद भी कोनी पुलिस ने पहले अपराध दर्ज नही किया। फिर बाद में लूट की धारा लगा कर अपराध दर्ज किया गया। जिस ब्रेजा गाड़ी थाने में खड़ी कर आरोपी भागे थे उसके आगे व पीछे पुलिस का मोनो लगा हुआ था। जिसे छुड़वाने के लिए रिवर व्यू कालोनी थाना कोनी निवासी 29 वर्षीय गायत्री पाटले थाना पहुँची। औऱ कार को अपनी बता छोड़ने की मांग क़ी।
पहले छोड़ा गया था थाने से, एसएसपी के निर्देश पर बनी आरोपी:-
ब्रेजा कार गायत्री पाटले के नाम पर ही था। वह थाने पहुँच कर कार छोड़ने की मांग कर रही थी। जब पुलिस ने उससे कार में लगे पुलिस के मोनो के सम्बंध में पूछताछ की तो उसने पहले तो खुद को कोरबा के बांकीमोगरा थाने में पदस्थ पुलिस अधिकारी बताया। पर जब उससे आईडी कार्ड मांगा गया तो वह नही दे सकी और गोल गोल बातें करते हुए पहले पुलिस में होंने और अब पुलिस की नौकरी छोड़ देने की बात कहने लगी।
इसके साथ ही उसने सोशल मीडिया पर पुलिस अधिकारी की वर्दी पहन फ़ोटो भी डाली है। जिसके सम्बंध में पूछने पर उसने बताया कि वह छतीसगढ़ी फ़िल्म एक्ट्रेस है और डायरेक्टर के कहने पर शूट के लिए वर्दी पहन रखी है। घटना में कार के प्रयुक्त होने के सवाल पर उसने कहा कि कार उसका पति ड्राइवर के साथ लेकर गया था जो अब तक घर नही लौटा है।
मतलब कि महिला को अपने पति के घर नही लौटने की कोई चिंता नही थी। और न ही उसने इस संबंध में कोई गुमशुदगी ही थाने में दर्ज करवाई। महिला के इतने संदेहास्पद बयानों के बाद भी उसे बिना कोई कार्यवाही थाने से ही छोड़ दिया गया। इस मामले में सीएसपी स्नेहिल साहू ने मीडिया को बताया था कि कार भले ही महिला के नाम पर है पर वह लूट में शामिल नही थी और न ही प्रार्थी ने उसका नाम बताया है लिहाजा उसे थाने से पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
जबकि उसकी कार में पुलिस कर्मी नही होने के बाद भी पुलिस का मोनो भी लगा हुआ था। मामले की जानकारी एसएसपी पारुल माथुर को लगते ही उन्होंने इसकी बारीकी से जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए। एक दिन पहले तक गायत्री पाटले को छोड़ने वाली कोनी पुलिस ने उसे फिर से थाने लाकर पूछताछ की और महिला के पति से बात की तो पता चला कि महिला का पति महाराष्ट्र के चंद्रपुर की इस्पात फैक्ट्री में काम करता है और उसे इस घटना की कोई जानकारी नही है।