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फिर से छला गया बाजार अतरिया, नवीन महाविद्यालय के नाम से रखा गया दूर, घोषणा केवल कागज तक।

दूरी के वजह से किशोरी बालिकाओं को उच्च शिक्षा से होना पड़ रहा वंचित

खैरागढ़ ! खैरागढ़ से 18 किलोमीटर दूर बाजार अतरिया क्षेत्र के ग्रामीण फिर से छला गया। बाजार अतरिया क्षेत्र के ग्रामीणों को लगातार उपेक्षा का शिकार होना पड़ा. हाल ही मे राज्य सरकार द्वारा 82 नवीन महाविद्यालय खोलने हेतू स्थल परीक्षण कर औचित्य पूर्ण अभिमत सहित प्रस्ताव उपलब्ध कराने समस्त प्राचार्यों को आदेशित किया गया है , जिसमे बाजार अतरिया का नाम दूर-दूर तक नही दिख रहा है। यानि बाजार अतरिया क्षेत्र के युवाओं सहित प्रबुद्धजनों मे काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

उपचुनाव मे किया था घोषणा

बता दें कि खैरागढ़ के दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ मे उपचुनाव सम्पन्न हुआ। जिसमे पहली बार उपचुनाव मे मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा अनेको घोषणाएं किये थे . चुनाव जितने के बाद सबसे महत्वपूर्ण घोषणा खैरागढ़ को जिला बनाने का था. चुनाव जीते भी खैरागढ़ को जिला बनाने का घोषणा किया,इसी कड़ी मे बाजार अतरिया मे भी महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी किया गया था।लेकिन चुनाव जीतने के बाद नवीन महाविद्यालय खोलने की लिस्ट मे बाजार अतरिया का नाम नही होने से लोगो मे आक्रोश इस कदर बढ़ गया है कि अब लोगो को चुनावी जन घोषणा पत्र से विश्वास हट गया है।

चुनाव बहिष्कार के बाद घोषणा पत्र मे किया था शामिल

बता दें कि यहां के युवाओं ने बाजार मे महाविद्यालय नही तो मतदान नही के नारो के साथ चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। लगातार युवाओं के द्वारा कैंपेन भी चलाया जा रहा था. जहां 12वी  पास आउट बच्चों के साथ-साथ पालकों का भरपूर समर्थन भी मिला था। वही राजनीतिक पार्टियों के द्वारा युवाओं को मनाने का सिलसिला भी जारी था। जिसे विभिन्न मिडिया संस्थानो ने प्रमुखता के साथ खबर भी प्रकाशित किया था।

जनप्रतिनिधि नही देते ध्यान

बाजार अतरिया क्षेत्र के जनप्रतिनिधि केवल चमचागिरी करने मे ज्यादा लगे रहते है. विकास मूलक कार्यों की मांगो को लेकर मुकदर्शक बने रहते है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अभी तक क्षेत्र के विकास के लिए विभागों तक नही पहुंच पाए है। ऐसे राजनीति किस काम का जो केवल चाटुकारिता तक सीमित है। जो उचित व जायज मांग है उस पर जरा भी ध्यान न देना बहरी राजनीति को दर्शाता है।

इसलिए जरूरी है महाविद्यालय

बाजार अतरिया जिले के अंतिम छोर मे बसा है। एक बड़ा जंकशन भी है जहां रोजाना 20-25 गांव के लोंगो का आनाजाना लगा रहता है। इसके अलावा क्षेत्र के किशोरी बालिकाओं सहित किशोरों को 20-25 किलोमीटर की दूरी तय कर खैरागढ़ व छुईखदान धमधा जाना पड़ता है। दूरी के वजह से किशोरी बालिकाओं को उच्च शिक्षा से वंचित भी होना पड़ रहा है। जानकर ये बताते है कि बाजार अतरिया के आसापास हायर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या अधिक है जहां के बच्चे महाविद्यालय के लिए पर्याप्त है , फिर भी बाजार अतरिया को महाविद्यालय की श्रेणी से वंचित करना समझ से परे है।

पुराने बजट सत्र का सूची जारी हुआ है. मुख्यमंत्री के कथनानुसार नये बजट सत्र मे बाजार अतरिया का नाम जरूर शामिल किया जाएगा।
यशोदा वर्मा विधायक खैरागढ़

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