◆मामला बाधा बाजार के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला का
अम्बागढ़ चौकी –ब्लाक अंतर्गत एक मिडिल स्कूल की एक शिक्षिका राजनीतिक शिकार की भेंट चढ़ गई है जिसका साफ उदाहरण शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बाधाबाजार की एक पदस्थ एलबी शिक्षिका है जहा पर शिक्षिका त्रिवेणी सिन्हा एलबी को शाला के प्रधान पाठक और जिला शिक्षा अधिकारी के साथ साथगाँठ कर किसी दूसरे जगह शाला में संलग्नीकरण कर दिया गया है वह भी बिना किसी कारण जाने बिना शाला से जानकारी मिली की शिक्षिका कुछ दिनों से किसी कारणवश अर्जित अवकाश पर थी और जब अवकाश खत्म होने के बाद वापस शाला उपस्थिति देने पहुची तो शाला की प्रधान पाठक श्रीमती नोंहारे ने उनके हाथों में जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा जारी आदेश जिसमे ब्लाक के ग्राम थुआडबरी स्कूल में संलग्नीकरण किए जाने का पत्र थमा दिया गया जिससे देख कर महिला शिक्षिका चौक गई और जब संलग्नीकरण के संबध में जानकारी जुटा गई तो पता चला कि शिक्षिका की शिकायत पालक समिति द्वारा किया जाना बताया गया वह भी बिना किसी गलती के इनको अन्य जगह पर संलग्नीकरण कर दिया गया है यहां तक की इसकी खबर स्वयं शिक्षिका को तो थी ही नही और ना ही हाई स्कूल के अधीनस्थ प्राचार्या व विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी को आखिर यह कैसा आदेश है जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने बिना किसी जांच के सीधे संलग्नीकरण की कार्रवाही कर दी वह भी बिना कलेक्टर अनुमोदन किए बिना ।
◆राज्य शासन ने समाप्त कर रखी है अटेचमेंट
जबकि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव के द्वारा पांच बिंदुओं में जारी दिनाक 22 फरवरी वर्ष 2022 के आदेश में चौथे नंबर बिंदु में साफ साफ लिखा है कि संलग्नीकरण समाप्त करने के का निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है ।स्पष्ट निर्णय ही कि जिस व्यक्ति का वेतन जिस संस्था से आहरित हो रहा है उसे उसी संस्था में उपस्थिति देनी होगी ।यहां तक कि सभी जिले से एक सप्ताह के अंदर विभाग को पत्र भेजने कहा गया था कि राज्य में अब कोई संलग्नीकरण शेष नही रह गया है फिर जिला शिक्षा अधिकारी ने किस अधिकार से एक शिक्षिका को अन्य जगह संलग्नीकरण कर दिया गया है वह भी स्कूल के पालक समिति के एक प्रस्ताव पर जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए आखिर किसके इसारे पर एक शिक्षिका को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है ।