


कोरबा/पाली- जिले के पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल द्वारा अवैध कारोबार और माफिया राज पर सख्ती से रोक लगाए जाने सभी थाना- चौंकी प्रभारियों को दिए गए निर्देश के बाद भी बुड़बुड़ कोयला खदान से कोयले की चोरी और तस्करी का कारोबार जिस बड़ी तेजी और व्यापक स्तर पर फल- फूल रहा है उसे देखते हुए लगता है कि शायद उच्च पुलिस अधिकारी का निर्देश पाली पुलिस के लिए कोई मायने नही रखता। बुड़बुड़ खदान में सक्रिय कोल माफियाओं द्वारा रात- दिन बेखौफ होकर कोयले के काले कारोबार को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है। जिनके द्वारा खदान के आसपास ग्रामों के निवासी भोले- भाले ग्रामीणों को चंद पैसों का लालच देकर काले हीरे की चोरी करवाया जा रहा है तथा जिसे एक स्थान पर इकट्ठा कराकर बाद में ट्रक, ट्रेलर, ट्रेक्टर में भरकर तस्करी के माध्यम से अन्यंत्र खपाया जा रहा है। इस प्रकार बुड़बुड़ खदान से रोजाना लगभग 8- 10 गाड़ी कोयले की चोरी और तस्करी बेरोकटोक किये जाने की जानकारी सामने आ रही है। जिससे इस काले कारोबार से जुड़े लोग दिन दूनी- रात चौगुनी तरक्की कर रहे है। जिस पूरे मामले को लेकर गत दिनों पूर्व खबर के माध्यम से पुलिस का ध्यानाकर्षण कराया गया, किन्तु कोयले की चोरी एवं तस्करी को लेकर पुलिस द्वारा अबतक किसी भी प्रकार की कार्यवाही करना मुनासिब नही समझा गया है। लगता है शायद वर्दीधारियों को भी इस कारोबार से अच्छा खासा लाभ मिल रहा है तभी तो पुलिस शांत बैठी हुई है। एक बात तो तय है कि बिना पुलिस संरक्षण के कोयले की चोरी और तस्करी का कार्य सम्भव नही। जो कार्य अवैधानिक होते है उन पर प्राथमिकता से रोक लगाना पुलिस का काम है लेकिन यदि वर्दीधारी ही अवैधानिक कार्यों को प्रश्रय दे तो फिर समाज मे अनैतिक कार्यों को बढ़ावा मिलना जायज है। यदि यही हाल रहा तो आगे स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देर नही लगेगी, तब “अब पछताय होत का….जब चिड़िया चुग गई खेत” वाली कहावत पुलिस पर चरितार्थ होगी।