[the_ad id="217"]

छींदारी डैम में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा – मिशन संडे की टीम ने किया निरीक्षण, अधूरे कार्यों पर जताई कड़ी आपत्ति

छींदारी डैम में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा – मिशन संडे की टीम ने किया निरीक्षण, अधूरे कार्यों पर जताई कड़ी आपत्ति

 

खैरागढ़। विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा के निर्देश में चलने वाली मिशन संडे की टीम नेआज स्वयं शामिल होकर एक बार फिर बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। रविवार को टीम ने छींदारी स्थित रानी लक्ष्मी देवी सिंह जलाशय (पर्यटन केंद्र )का निरीक्षण किया जहां 41 लाख की योजना में भारी अनियमितताएं उजागर हुईं।

निरीक्षण के दौरान स्थल पर कोई भी कार्य पूर्ण नहीं पाया गया जबकि संबंधित मदों का भुगतान वन विभाग द्वारा पूरा कर दिया गया है। कार्यों की गुणवत्ता भी अत्यंत निम्नस्तर की पाई गई—किचन शेड, मचान, कुर्सियां और बैठने की व्यवस्थाएं बांस और इतर हिन लकड़ियों से बनाकर खानापूर्ति की गई है।

योजना विवरण – कागजों में चमक, ज़मीनी हकीकत में धूल

परियोजना का नाम: ईको-पर्यटन केंद्र, छिनरी, सुख्खा

वित्तीय वर्ष: 2024-25

प्रस्तुतकर्ता: वनमंडलाधिकारी, खैरागढ़

अनुमोदित राशि: ₹41,00,000

प्रमुख कार्यों में स्थल समतलीकरण, किचन शेड, बोर खनन, टेंट-मचान, सोलर लाइटिंग, बोटिंग व्यवस्था, सौंदर्यीकरण जैसे कार्य शामिल हैं, लेकिन निरीक्षण में अधिकांश कार्य अधूरे मिले। ग्रामीणों ने भी वन विभाग पर खुलकर आरोप लगाए कि शासकीय राशि का खुला दुरुपयोग हुआ है।

निरीक्षण के बाद दौरान ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा शासकीय राशि का पूर्ण रूप से दुरुपयोग किया गया है तथा कार्य में लापरवाही भारती गई है।

विधायक यशोदा वर्मा ने मौके से स्पष्ट कहा—“सरकार की योजनाएं जनहितकारी हैं पर ज़िले में बैठे अधिकारी-कर्मचारी पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। 41 लाख की राशि खर्च करने के बाद भी काम अधूरे हैं यह दर्शाता है कि वन विभाग में योजनाओं की राशि का खुलेआम बंदरबांट किया गया है। विधायक ने आगे कहा कि इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा और वन मंत्री से सोशल ऑडिट की मांग की जाएगी। विभागीय अफसरों को चेताते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अब भी सुधार नहीं हुआ तो कठोर कदम उठाए जाएंगे।

मिशन संडे के संयोजक मनराखन देवांगन ने कहा—जंगल की लकड़ी, बांस, मिट्टी जैसी मुफ्त की सामग्री लगाकर लाखों का बिल वन विभाग ने पास करवा लिया। मौके का निरीक्षण कर हम कह सकते हैं कि 10–12 लाख से अधिक की लागत नहीं आई होगी, जबकि विभाग ने 41 लाख में से 14 लाख से अधिक का खर्च बताया है।

निरीक्षण के दौरान मोती जंघेल, देवराज किशोर दास, सज्जाक खान, अशोक जंघेल, कमलेश यादव, दीपक देवांगन, अरुण भारद्वाज, नरेन्द्र सेन, पूरन सारथी, रविंद्र सिंह गहेरवार, महेश यादव, सूरज देवांगन, भूपेंद्र वर्मा, सूर्यकांत यादव, राहुल बंजारे, अनिल यादव, राजा लहरे, हरिदर्शन, नरेश सिन्हा, विनोद सिन्हा, कोमल वर्मा, सहित भूपेश बघेल मिशन संडे टीम के कई सदस्य मौजूद थे।

सरकारी राशि का इस प्रकार का दुरुपयोग जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात है। मिशन संडे की यह पहल प्रशासनिक व्यवस्था को आईना दिखाने जैसा है। अब देखना होगा कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Reply

[the_ad id="219"]
POLL
What does "money" mean to you?
  • Add your answer
BREAKING NEWS
LIVE CRICKET