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शासन और प्रशासन कर रही है बच्चो के भविष्य से खिलवाड़

कांग्रेस शासन की शिक्षा के प्रति लचर शासन व्यवस्था

कोरोना के नाम पर नन्हे बच्चो के भविष्य को लगाया गया है जुए पर

छत्तीसगढ़ निजी विद्यालय संघ राजनांदगांव – राज्य शासन और राजनांदगांव जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते , कोरोना महामारी के नाम पर नन्हे बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है
जहा एक तरह ज़िले की तमाम गतिविधिया खुली है , बसों में सीट से चार गुना सावरिया भरी जा रही है , पूरा बाजार खुला है , शराब की दुकाने खुली है तो वही दूसरी तरह स्कूलों को बंद रखा गया है ,
क्या महज स्कूलों को बंद कर देने से कोरोना पर नियंत्रण हो जायेगा ? प्रशासन कोरोना पर ये कैसा नियंत्रण करना चाहती है जो सिर्फ स्कूल बंद कर बच्चो का भविष्य बर्बाद कर रही है
क्या यह कोरोना पर नियंत्रण करने का तरीका है या फिर नन्हे बच्चो को शिक्षा से वंचित रखने की साजिश ?
एक सर्वे अनुसार 35% बच्चे स्कूल गए बिना आज कक्षा तीसरी में पढ़ रहे है ऐसे में बच्चो के उज्जवल भविष्य की कल्पना भला राज्य शासन कैसे कर सकती है क्या कांग्रेस वोट बैंक की राजनीती कर रही है या सच में उनको बच्चो की चिंता है ? एक तरह शासन मुहल्ला क्लास और ऑनलाइन क्लास लगाने को कहती है क्या कक्षा पहली के बच्चे ऑनलाइन पढ़ सकते है ? इनको ये बात क्यों समझ नहीं आती क्या मुहल्ला स्कूल की चारदीवारी से ज्यादा सुरक्षित है ये बात भी आम आदमी के समझ से बहार है यह शासन की शिक्षा के प्रति घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है शासन शायद यह चाहती ही नहीं है की बच्चे शिक्षित हो यदि शासन प्रशासन सच में अपने आप को आम आदमी की हितैसी कहती है , कोरोना पर नियंत्रण करना चाहती है तो राज्य की तमाम गतिविडिया पूरी तरह बंद करे , स्कूल को बंद कर देने से कोरोना नियंत्रण नहीं होगा बल्कि बच्चो का भविष्य ख़राब हो जायेगा

प्राथमिक स्कूल के बच्चे कच्ची मिटटी की तरह होते है जिसे अभी जिस रूप में चाहे आकर दिया जा सकता है मिटटी सुख जाने के बाद उसे आकर देना संभव नहीं होता अतः प्राथमिक स्कूलों को तत्काल खोला जाना चाहिए ताकि बच्चो के भविष्य का निर्माण किया सके अन्यथा उनकी भविष्य आदिममानव काल की तरफ बढ़ जायेगा जिसे वापस लाने में अथक प्रयाश करना होगा जो आज की स्थिति में संभव नहीं है आज सभी सिर्फ खाना पूर्ति करना चाहते है ,
जो भी सरकार आती है सिर्फ वोट बैंक की राजनीती करती है ऐसे में बच्चो के भविष्य का ध्यान कौन रखेगा ?
कम से कम जिला कलेक्टर को इस बात का ध्यान रखना होगा और कोरोना के नाम पर कम से कम नन्हे बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ न हो इस पर व्यवस्था बनानी होगी कोरोना नियंत्रण के नाम पर बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ न हो इस पर आदरणीय कलेक्टर महोदय सज्ञान ले और अतिशिघ्र स्कूलों को खोलने हेतु आदेश जारी करेने की कृपा करे जिससे बच्चो को उचित शिक्षा प्रदान की जा सके उनका भविष्य ख़राब न हो बच्चो को आदिममानव बनाने से रोका जा सके

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