सचिवों की हड़ताल से कार्यों पर ब्रेक, ग्राम पंचायतों के कार्यों पर लगा ग्रहण
खैरागढ़ -पंचायत सचिवों की हड़ताल के चलते विकास कार्यों पर विराम लगा हुआ है। किसी भी पंचायत में अब तक नवनिर्वाचित पंचायत के प्रतिनिधियों ने किसी भी कार्य का श्रीगणेश नहीं किया है। वही वित्तीय प्रभार नहीं मिलने से जनहितैषी कार्यों की पहल भी नहीं कर पाएं हैं। सरपंचों के शपथ ग्रहण एवं उपसरपंच चुनाव के बाद से पंचायत सचिव आंदोलन पर चले हैं। जिससे बहुत से पंचायतों में तालाबंदी की नौबत आ गई। वर्तमान में सभी गांव में पेय एवं निस्तारी जल की समस्या गहराते जा रही है। जिसे हल करने में पंचायत प्रतिनिधि सक्षम है परन्तु वित्तीय समस्या के कारण मूकदर्शक बने हुए हैं। वही कुछ पंचायतों में प्रतिनिधि कर्ज लेकर या निजी खर्च कर जल समस्या हल करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी प्रकार सचिव के माध्यम से होने वाले जन्म, मृत्यु, विवाह पंजीयन, पेंशन, नवीन राशन कार्ड, मनरेगा, भूमि सुधार जैसे अन्य कार्यों पर विराम लग गया है, जिससे ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है।
आरटीई से वंचित हो सकते बच्चे
शिक्षा के अधिकार के तहत आवेदन देने के लिए अभिभावक को पंचायत से कुछ प्रमुख दस्तावेज की जरूरत होती है। कुछ गरीब परिवार आरटीआई के तहत आवेदन देने इच्छुक है जिसके लिए उन्हें पंचायत के दस्तावेज की जरूरत है। पंचायतों में सचिव के नहीं होने से कार्य नहीं हो पा रहा है। ऐसे में गरीब परिवार के बच्चे निशुल्क शिक्षा पाने से वंचित हो सकते है।
मांग को लेकर सचिव अडिग
इधर पंचायत सचिव अपनी मांग को लेकर अडिग है। जब तक उनका शासकीयकरण नहीं हो जाता तब तक आंदोलन करने की बात कह रहे हैं। हड़ताल को शुरू हुए एक पखवाड़ा होने वाला है तथा आगे अपनी मान को मनवाने के लिए विभिन्न गतिविधि एवं प्रदर्शन करने की रूपरेखा तैयार कर लिया है जिससे आंदोलन लंबे समय तक चलने की आशंका है। सचिवों के आंदोलन का सीधा प्रभाव गांव के विकास पर पड़ेगा और ग्रामीणों की समस्या बढ़ेगी।
सचिवों के हड़ताल के चलते रोजगार सहायकों की वैकल्पिक व्यवस्था पंचायतों में की जा रही है।
शासन से जारी दिशा निर्देश के तहत आगे की करवाई की जायेगी।
नारायण बंजारा
सीईओ
जनपद पंचायत खैरागढ़
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जिला स्तर पर सचिवों को समझाइए दी गई है राज्य शासन से निर्देश प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रेम कुमार पटेल
एडीएम/सीईओ जिला पंचायत केसीजी