डॉ कमलेश्वर सिंह भूगोल प्रयोगिक् विषय पर दक्षता आधारित प्रशिक्षण भोपाल सम्मिलित हुए l
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खैरागढ़–राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवम प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भोपाल मे भूगोल प्रयोगिक् विषय पर गतिविधियों पर आधारित दक्षता प्रशिक्षण दिनांक 9 दिसम्बर से 13 दिसम्बर 2024 तक आयोजित की गयी जिसमें के सी जी से शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैरागढ़ मे कार्यरत व्याख्याता डॉ कमलेश्वर सिंह ने भाग लिया l प्रशिक्षण मे वेस्ट जोन के 5 राज्य यथा छत्तीसगढ़, गुजरात , महाराष्ट्र गोवा एवम मध्यप्रदेश के 40 भूगोल के व्याख्याता सम्मिलित हुए l प्रशिक्षण का शुभारम्भ क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्राचार्य प्रो. जयदीप मण्डल, शिक्षा विस्तार विभाग के अध्यक्ष डॉ चित्रा सिंह, प्रशिक्षण प्रभारी डॉ अलका सिंह की उपस्थिति मे हुआ l प्रशिक्षण के प्रथम दिवस डॉ सेबु ने आई सी टी लैब मे ऑनलाइन जियो स्पेशल टेक्नोलॉजी के माध्यम से अध्यापन करने का प्रशिक्षण दिया उन्होंने सर्वे ऑफ इंडिया के साइट मे जाकर क्यु जी आई एस मे लॉगिन कर विश्व के किसी भी स्थान का मानचित्र अपलोड कर बच्चो को अभ्यास कराने हेतु जानकारी दी l वहीं सागर विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ सतीश जी ने डाटा एकत्रित कर, टेबल बनाना,जियोमेट्रिक, जियोग्राफिकल मानचित्र बनाने के विभिन्न प्रकार की मापनी की रचना करना चैन, मीटर सर्वेक्षण हेतु अपनाये जाने विधि का खुले मैदान मे सजीवता के साथ प्रयोगिक् कार्य करवाये उन्होंने स्थलाकृतिक मानचित्र मे समोच्च रेखा की पहचान करने, समोच्च रेखा के माध्यम से धरातल के स्थलाकृति की प्रदर्शन की विधियाँ बताये l सर्वे कार्य मे छत्तीसगढ़ को प्रथम स्थान मिला l डॉ हेमन्त पाटीदार सागर वि. वि. ने मानचित्र प्रक्षेप तैयार करने की विधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की उन्होंने मालविड प्रक्षेप, मर्केटर प्रक्षेप, बेलनाकार प्रक्षेप, शक्वाकर प्रक्षेप की रचना कराये तथा उनमें विश्व के विभिन्न देशों की स्थिति प्रदर्शित करवाये, प्रयोगिक् तोर पर संतरे मे अक्षांस एवम देशांतर रेखा बनवाकर किसी भी देश की स्थिति निर्धारण कराये l डॉ दिनेश कुमार इटारसी महाविद्यालय ने सांख्यिकीय आंकड़ों के स्रोत, आंकड़ों का संग्रहण, वर्गीकरण, सारणीयन, टेबल निर्माण कर रेखाचित्रों के माध्यम से अनुसंधान कार्य की विश्लेषण की विधि सिखाये l उन्होंने क्षेत्रीय सर्वेक्षण मे परिवारिक अनुसूची, प्रश्न तैयार करने दोनों मे अंतर स्पष्ट किये l डॉ चंद्र मोली अमरकंटक विश्वविद्यालय ने स्थलाकृतिक मानचित्र मे प्रयुक्त रूढ़ चिह्नों की पहचान एवं प्रयोग करने, हवा की गति एवम दिशा को प्रदर्शित करने, विभिन्न मौसमी दशाओं को प्रदर्शन करने, निम्न दाब उच्च दाब, चक्रवात का निर्माण, के कारण स्पष्ट किये ल प्रशिक्षण प्रभारी एवम समनव्यक डॉ. अलका सिंह ने रिमोट सेंसिंग के बारे मे सूक्ष्मता से जानकारी दी उन्होंने हाव भाव के साथ बी एड छात्र की सहायता से पृथ्वी की गति और प्रक्षेपात्र द्वारा पृथ्वी के विभिन्न स्थानों का चित्र भेजने की क्रिया को सजीवता के साथ प्रयोग के माध्यम से बताया l डॉ अलका सिंह ने गूगल प्रो अर्थ प्रो साइट ऐप से भारत के विभिन्न स्थानों के मानचित्र को चिन्हांकित करते हुए विश्लेषित करने की विधि सिखाई l डॉ चन्दर्केश मोर्य पी एच डी स्कॉलर ने अर्थ प्रो एप से मानचित्रों को डाउनलोड करना, रंगों के आधार पर उस स्थान का विश्लेषण करने की विधि तथा भारत की विभिन्न राज्यों की अलग अलग पजलस बना कर उत्तर से दक्षिण या दक्षिण से उत्तर के राज्यों को क्रम से सजाने की गतिविधि कराई जिसमे छत्तीसगढ़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया l क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान मे निर्मित विज्ञान वाटिका का भ्रमण कराएं l भौतिक विभाग के प्रो. डॉ शैलेंद्र सिंह चौहान ने दूरबीन के माध्यम से सौर कलंक की संख्या को दिखाया, वर्षा मापी यंत्र, थर्मामीटर के माध्यम से किसी स्थान का तापमान मापना, पानी की शुद्धता एवं उत्पादन की क्षमता मापन, हवा की दिशा एवं गति मानक समय का निर्धारण आदि मॉडल दिखाएं एवं उनके उपयोग करके बताया l प्रशिक्षण के समापन मे 5 राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने अपने अनुभव रखे l प्रतिभागियों की ओर से बीए बीएड अध्ययनरत छात्रों एवं लेब सहायक वर्मा के प्रति कृतज्ञता एवं आभार व्यक्त किया गया जिन्होंने,5 दिवस तक सहयोग प्रदान किये l प्रशिक्षण मे छत्तीसगढ़ से डॉ कमलेश्वर सिंह, तुलेन्द्र एवं भावना पांडब् महासमुंद से विकास वर्मा पेंड्रा से राम सिंह पटेल शक्ति से सहदेव बारले राजनांदगांव से महावीर चंद्रा कोरबा से तथा पुरन्दर पटेल रायपुर से सम्मिलित हुए l समापन मे प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया l कार्यक्रम प्रभारी डॉ अल्का सिंह ने सभी प्रतिभागियों एवम अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किये l