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प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में बीज की किल्लत:–

किसानों को उठाना पड़ रहा है आर्थिक नुकसान:-

खैरागढ़ –केसीजी जिला मुख्यालय के अंचल में अभी किसान अपने खेतों में धान की बुवाई करने में जुटे हुए हैं। किसान अपने खेतों में अभी रोपाई करने में व्यस्त हैं, तो वही 10 प्रतिशत किसान अभी धान खररा बोने में भी मस्त हैं। शेष किसान अभी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बारिश होते ही किसान अपनी खेतों की ओर रुख करेंगे किंतु किसान अभी से धान की बुवाई की तैयारी में जुटे हुए हैं और खाद, बीज का प्रबंध करने में एड़ी चोटी एक कर रहे हैं। इन दिनों किसान बिजहा धान के बीज के लिए सेवा सहकारी समिति अमलीपारा का चक्कर काट रहे हैं। सोसाइटी में धान का बीज खत्म होने को लेकर किसानों में नाराजगी है, वहीं किसानों को मजबूरी वश महंगे दामों में निजी दुकानों की ओर रुख करना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से शीघ्र बिजहा धान उपलब्ध कराने की मांग किया है। उल्लेखनीय है कि खैरागढ़ ब्रांच के अंतर्गत 11 प्राथमिक कृषि सहकारी समिति अमलीपारा, बढ़ईटोला, सलोनी, डोकराभांठा, आमदनी, जालबांधा,टोलागांव, कामठा,मरोदा,गाडाडीह, बैहाटोला उपलब्ध है। वही अमलीपारा समिति में 16 गांव के लगभग 1500 से 1600 किसान नकद और अल्पकालीन ऋण में खाद और बीज लेते हैं। अभी तक कुल लगभग 1129 किसानों ने अंचल के सोसायटियों से बीज और खाद का खरीदी कर लिए हैं किंतु अभी भी लगभग 500-600 किसान बीज से वंचित है। पर्याप्त मात्रा में बीज की आपूर्ति बीज निगम से नहीं हो पा रही है। जिसके वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। मुस्का के किसान महेश्वर साहु, सर्रागोदी‌ के मन्ऊ, हरिराम अमलीपारा के हेम कुमार सहित अन्य किसानों ने बताया कि वे दो-तीन बार सोसाइटी आ चुके हैं परंतु बीज की कमी बता कर उन्हें वापस लौटा देते हैं। हफ्तों के बाद भी बीज की आपूर्ति समिति के द्वारा नहीं किया जा रहा है। किसानों ने प्रमाणित बीज आसानी से किसानों को उपलब्ध कराने की मांग करते हुए कहा है कि सामान्यतः धान के बीज चार प्रकार के होते हैं किंतु सरकार समिति में केवल एक ही प्रकार का बीज उपलब्ध कराती है। सभी किस्म के बीज यदि उपलब्ध होंगे तो उत्पादन अधिक मिलेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

निजी कृषि दुकान में उपलब्ध है पर्याप्त खाद-बीज:–

अंचल में निजी कृषि दवाई एवं बीज के दुकान काफी फल-फूल रहे हैं। यहां किसानों की सभी प्रकार के बीज, खाद व दवाई उपलब्ध हैं। निजी दुकानों में वर्तमान में बिजहा के धान के लिए विशेष रूप से स्वर्णा के पांच से छह किस्म, जमुना 804 के चार व एचएमटी के चार किस्म के साथ आई आर 64, 1010, महामाया जैसे प्रमाणित बीज उपलब्ध हैं। खैरागढ़ के कृषि केंद्र के संचालक ने बताया कि सोसाइटी में बीज खत्म होने के कारण निजी दुकानों में भीड़ बढ़ गई है। अभी रोपाई का काम जारी है। किसान रामाधीन वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष श्री 101 धान यहां से लेकर गया था। जिसका उत्पादन अच्छा था। सोसाइटी में बीज नहीं मिलने के कारण निजी कृषि दुकान से करे कर रहा हूं।

किसानों को अभी बीज की जरूरत:—

ग्रामीण सेवा सहकारी समिति अमलीपारा के प्रबंधक देवकरण वर्मा ने बताया कि समिति को 170 बैग महामाया, 240 बैग सरना का बीज प्राप्त हुआ था, जो दो ही दिन में बिक गया। किसानों को अभी बीज की जरूरत तो है। पर बीज निगम से दोबारा नहीं आया है। ब्रांच मुख्यालय और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से बीज निगम को डिमांड पत्र दे चुके हैं। 100 कट्टा स्वर्णा और 100 कट्टा महामाया की मांग अमलीपारा समिति के द्वारा किया गया है किंतु बीच अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।

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