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खतरों के बीच खुलेंगे स्कूलों के पट

 

जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत को लेकर सुस्ती पड़ सकती है भारी:-

खैरागढ़– नये शिक्षा सत्र की शुरुआत को लेकर जोर शोर से तैयारी चल रही है, लेकिन जर्जर स्कूलों की मरम्मत को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। जिले में 281 स्कूल जर्जर हालत पड़े थे। इन स्कूलों की मरम्मत को लेकर शासन को पत्र लिखा गया था। शासन ने मरम्मत की स्वीकृति मिल गई। अब भी 130 स्कूलों का मरम्मत पूर्ण नहीं हो पाया है। वहीं कई स्कूलों में मरम्मत कार्य शुरू भी नहीं हो पाया है। स्कूल जर्जर होने के कारण विद्यार्थियों को सबसे अधिक परेशानी बरसात में होती है। स्कूली बच्चें खतरों के बीच पढ़ाई करने स्कूल पहुंचेंगे। हालांकि शिक्षा विभाग ने दावा किया है कि जल्द ही स्कूलों का मरम्मत कराया लिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि जहां मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो पाया है वहां अतिरिक्त कक्षाएं हैं।

दीवारों में सीलन, खिड़की दरवाजे लटक रहे:

सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है, लेकिन शिक्षा विभाग बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में जर्जर स्कूलों की मरम्मत को लेकर सुस्ती बनीं हुई है। लगातार पत्र व्यवहार के बाद भी स्कूलों की जर्जर अवस्था के सुधार को लेकर ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते कहीं स्कूल की छत से सूरज की किरणें आ रही है तो कहीं दीवारों में सीलन आ रही है। कई स्कूलों के खिडक्री दरवाजे लटक रहे है और
चारदीवारी का भी अता पता नहीं है।

बारिश में पढ़ाई पर लग जाता है ब्रेक:-

जर्जर स्कूलों में बारिश के दिनों में पढ़ाई नहीं होती। तेज बारिश के बाद पढ़ाई रोक दी जाती है। कई अभिभावक डर के चलते अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते। सबसे खराब स्थिति खैरागढ़ ब्लाक के स्कूलों की है। करीब 12 से अधिक स्कूल भवनविहीन हैं जहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को दूसरे परिसर में अन्य जगह बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। यहीं नहीं डोकराभाठा, सिंघौरी, इटार, कुरूंभाठ, मदराकुही हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल की कक्षाएं परिसर में निर्मित अतिरिक्त कक्षा में अथवा पूमाशा के भवन में लग रही है।

भिभावकों की बढ़ी चिंता:

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिसका खामियाजा कभी भी विद्यार्थियों को भुगतना पड़ सकता है। स्कूलों का जीर्णोद्धार कराने के बजाय हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं। नये शिक्षा सत्र में बच्चों को जर्जर स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजने के लिए अभिभावकों को अभी से सोचना पड़ रहा है। अभिभावकों के साथ जर्जर स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को खुद के साथ बच्चों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। हर साल शिक्षा विभाग द्वारा जर्जर स्कूल भवनों को जीणौद्धार के लिए कार्ययोजना तैयार की जाती है, लेकिन कार्ययोजना कागजों तक ही सीमित रहती है।

26 जून से प्रवेश प्रक्रिया:

सरकारी स्कूलों में 26 जून से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। तिलक लगाकर विद्यार्थियों का स्वागत किया जाएगा। वहीं पाठ्य-पुस्तक के साथ गणवेश का वितरण किया जाएगा। वहीं छात्राओं को साइकिल का भी वितरण किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि स्कूल खुलने के पहले व्यवस्थाएं सुधार ली जाएगी।

केसीजी जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या:

प्राथमिक शाला – 456
माध्यमिक शाला – 182
हाई स्कूल – 33
हायर सेकेंडरी। – 44

शासन स्तर से स्कूलों की मरम्मत की स्वीकृति मिली थी नई शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ज्यादातर चार्ज स्कूलों की मरम्मत हो जाएगी कुछ स्कूलों में मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ है लेकिन वहीं अतिरिक्त कक्ष की व्यवस्था है।

लालजी द्विवेदी
जिला शिक्षा अधिकारी
खैरागढ़ -छुईखदान-गंडई

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