संगीत नगरी में प्रथम जिलास्तरीय संस्कृतभारती सम्मेलन का किया गया आयोजन
खैरागढ़ :- नवीन खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में संस्कृत भाषा को जन-जन और घर-घर की भाषा बनाने हेतु प्रथम जिलास्तरीय संस्कृत भारती सम्मेलन विगत 18 फरवरी को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथी के रूप में जिलाशिक्षाधिकारी फत्तेराम कोसरिया, विशिष्ट संगीत अतिथि राजेश गुप्ता उपकुलपति इंदिरा द्वारा विश्वविद्यालय, आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ नीलेश कुमार जैन उपस्थित हुये । कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की सहायक प्राध्यापिका डॉ. पूर्णिमा केलकर एवं मुख्य वक्ता दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ दिव्या देशपांडे शुक्ला थी। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्कृत भारती राजनांदगांव के संयोजक नरेन्द्र साहू एवं व्याख्याता मनोहर चंदेल के द्वारा किया गया। नवीन जिले में संस्कृत के उन्मुखीकरण हेतु संस्कृत सम्मेलन आयोजित किये जाने की परिकल्पना व्याख्याता मनोहर चंदेल द्वारा की गयी जिसे मुर्तरूप लानें में डॉ. उपेन्द्रनाथ ठाकुर, छत्रपाल सिंह परिहार, राजू यादव, अनुराग मालवीय, दानेश्वर साह, यशवंत जंघेल,निक्कू श्रीवास का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के दौरान अपने उदबोधन में जिला शिक्षाधिकारी फत्तेराम कोसरिया ने संस्कृत को देववाणी एवं प्राचीनतम भाषा बतलाते हुये शैक्षणिक प्रणाली में संस्कृत के अधिकाधिक प्रयोग किये जाने हेतु शिक्षकों के द्वारा नवचार किये जानें पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षा एवं सहायक प्राध्यापिका डॉ पूर्णिमा केलकर ने संस्कृत के समृद्ध एवं गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुये भाषा विज्ञान, इतिहास, दर्शन और धार्मिक अध्ययन सहित विविध क्षेत्रों में विद्वानों और शोधकत्ताओं के द्वारा संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाना बतलाया गया । कार्यक्रम की मुख्य वक्ता दिग्विजय महाविद्यालय के संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ दिव्या देशपांडे शुक्ला के द्वारा हमारे समाज में संस्कृत के उत्थान एवं पुर्नस्थापन हेतु तथा विचारों की अभिव्यक्ति में उच्च स्तर की सटीकता लाने दैनिक जीवन में संस्कृत की सरल शब्दावली के प्रयोग पर बल दिया गया साथ ही संस्कृत विषय के प्रति निष्ठावान रहने हेतु भौतिकी के व्याख्याता अनुराग मालवीय की विशेष सराहना की। वशिष्ट अतिथीद्वय राजेश गुप्ता उपकुलसचिव इंदिराकला संगीत विश्वविद्यालय एवं आयुर्वेद चिकित्साविशेषज्ञ नीलेश कुमार जैन के द्वारा संस्कृत भाषा के भारतीय संस्कृति में महत्व के बारे में सारगर्भित उद्बोधन दिया गया। कार्यक्रम में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ठाकुरटोला, सरस्वती शिशु मंदिर खैरागढ़, अवंती संस्कृत विद्यालय बाजार अतरिया के छात्र छात्राओं के द्वारा सस्कृतनिष्ठ संगीत, नृत्य, नयनाभिराम योग नृत्य एवं संस्कृत नाटिका समेत 18 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सफल मंचन किया गया। कार्यक्रम में पयावरण संरक्षण के उद्देश्य से जिलाशिक्षाधिकारी महोदय को स्मृति चिन्ह के रूप मे पौधा एवं मोमेंटो भेट किया गया तथा साथ ही प्रतिभागी छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र का वितरण किया गया। उक्त कार्यक्रम में हर्ष दशरिया, मनोज वर्मा, श्रीराम यादव, विश्वनाथ ठाकुर, उत्तम जंघेल, व्याख्याता ढालसिंग नायक, निलेंद्र वर्मा, शिक्षिकागण चांदनी नायक, शिखा श्रीवास्तव, नीलम श्रीवास्तव, डॉ सविता यादव समेत 150 से भी अधिक संस्कृतानुरागी शिक्षकों, व्याख्याताओं एवं विधार्थियों की उपस्थिती रही।