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विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर न्यायाधीश ने आदिवासियों को बताएं उनके कानूनी अधिकार

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर न्यायाधीश ने आदिवासियों को बताएं उनके कानूनी अधिकार

न्याय पाने का अधिकार सभी को : गुरु प्रसाद

अध्यक्ष आलोक कुमार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार और अध्यक्ष चन्द्र कुमार कश्यप तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ एवं सचिव देवाशीष ठाकुर के मार्गदर्शन में आज दिनांक

09.08.2023 को नक्सल प्रभावित वनांचल क्षेत्र ग्राम देवरी में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस /मूलनिवासी दिवस के अवसर पर विशेष कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जहां

विश्व आदिवासी दिवस उपलक्ष्य में उपस्थित आदिवासी महिलाओं पुरुषों एवं युवाओं को बंधाई दी एवं आदिवासियों के अधिकारों एवं सरंक्षण के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि तालुक विधिक सेवा समिति द्वारा आदिवासियों के अधिकार एवं संरक्षण के संबंध में योजनाएं संचालित है। पात्र व्यक्ति तालुक विधिक सेवा समिति के माध्यम से योजनाओं का लाभ एवं जानकारी प्राप्त कर सकते है साथ ही बताया कि प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्राप्त उपलब्ध कराई जाती है। पीड़ित व्यक्ति तालुक विधिक सेवा समिति में आवेदन कर लाभ ले सकते है। आगे व्यवहार न्यायाधीश गुरु प्रसाद देवांगन ने कहा कि यह दिवस उन उपलब्धियों और योगदानों को भी स्वीकार करती है जो आदिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं।

प्रमुख संवैधानिक प्रावधान:

अनुच्छेद 15- केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है।

अनुच्छेद 16- लोक नियोजन के मामलों में अवसरों की समानता पर बल।

अनुच्छेद 46- अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य कमज़ोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना।

अनुच्छेद 335- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों संबंधी सेवाओं और पदों पर दावा।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338-A के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना की गई है। उक्त शिविर में पैरा लीगल वॉलिंटियर गोलू दास साहू ने साइबर अपराध , घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, वर्कप्लेस में महिलाओं के अधिकार ,, किशोर न्याय अधिनियम श्रम एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं महिलाओं के लिए भरण पोषण हेतु अधिकार, टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम वरिष्ठ माता पिता एवं वृद्धजन भरण पोषण योजना 2007, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, बालश्रम, न्याय आपके द्वार, राष्ट्रीय लोक अदालत, मिडियेशन, तथा राज्य सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं सालसा एवं नालसा द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।

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