आवारा पशुओं के आतंक से किसानों की फसल हो रही बर्बाद
आवारा पशुओं के प्रति संवेदनशील नही केसीजी जिले के शासन प्रशासन
खैरागढ़ – खैरागढ़ नगर पालिका परिषद सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं को कोई देखने वाला नही है जिसके चलते किसानों के लिए आवारा मवेशी परेशानी बने हुए हैं बता दें कि राज्य सरकार की योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के तहत गौठान निर्माण तो किया गया है लेकिन वहां चरवाहा की व्यवस्था नही है और न नही चारे की जिसके कारण गौठान समिति भी आवारा पशुओं की देखभाल करने में सक्षम नही है वही दूसरी ओर शासन द्वारा कागजो में योजना को फ्लैगशिप योजना का दर्जा होने के कारण पलीता लगाने में लगे हुए हैं तथा आवारा पशुओं के लिए कोई ठोस व्यवस्था नही हो पा रही है।किसानों की फसल हो रही बर्बाद – बता दें कि नवागावकला, मुतेड़ा एवं पांडुका के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल की भांति इस साल भी रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए बाहर के लोगो ने मालवाहकों में गायों को लाकर खाली पड़े हुए भांठा जमीन में छोड़कर भाग चले गए लेकिन अब वह लगभग 100 गाय गाव वालो के फसल को चट कर रहे हैं जिससे किसानों में रोष व्याप्त है वही दूसरी ओर शासन प्रशासन को गुहार लगाने के बाद भी आवारा पशुओं की ठोस व्यवस्था नही होने से किसानों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।जंगलों में शासन कर सकती है व्यवस्था- खैरागढ़ वनमण्डल में पर्याप्त जंगल है जहां कई जगह खाली पड़े हुए जंगलों में शासन प्रशासन चाहे तो आवारा पशुओं को रखने का इंतजाम कर सकती है जिससे किसानों की फसल को बचाया जा सके।गौशाला में भेजे जा सकते हैं आवारा पशु-नगर पालिका में आवारा पशुओं के पकड़ने व एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाने के लिए ट्राली रखा हुआ है जिसके माध्यम से गायों को पकड़कर गौशाला में ले जा सकते हैं लेकिन प्रशासन इस ओर गम्भीर नही है नतीजतन किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए दिन-रात रखवाली करने पर मजबूर हो गए हैं।
वर्जन-
रोका छेका अभियान चला रहे है- इस मामले में केसीजी जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि आवारा पशुओं के लिए शासन स्तर पर रोका छेका अभियान पूरे छत्तीसगढ़ में चलाया जा रहा है साथ ही ग्रामीण अपने गाँवो में पशुओं के लिए स्थानीय व्यवस्था कर रहे है।