खैरागढ़ : शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लिए शिक्षकों पर अन्य गैर-शैक्षणिक कार्यों को कम करना पड़ेगा ताकि छत्तीसगढ़ शिक्षा रैंक में अन्य विकसित राज्यों की श्रेणी में आ सके। जिला पंचायत राजनांदगांव के सहकारिता और उद्योग समिति के सभापति विप्लव साहू गातापारकला के शाला प्रवेशोत्सव में शामिल हुए। वहां के प्राथमिक माध्यमिक सुग्घर स्कूल व्यवस्था की भूरि-भूरि प्रसंशा की और शैक्षिक प्रगतिशील मंच द्वारा हायर सेकेंडरी स्कूल में विधिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा विभाग द्वारा सभी स्कूलों में शिक्षकों को दिए जाने वाले अतिरिक्त बोझ को समाप्त करने जरूरत है।
दबाव के अम्बार में शिक्षा –
विभागीय काम, अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन, विधानसभा के सवाल, ऑनलाइन डिमांड जैसे कई सरकारी कामों में शिक्षकों को इंवॉल्व कर दिया जाता है जिससे पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होती है इस कारण शिक्षक शारीरिक, मानसिक और अन्य दबाव के चलते अध्यापन का कार्य सही तरीके से नहीं कर पाते और बच्चों का रिजल्ट तथा समग्र विकास प्रभावित होता है, अनुशासन नही बन पाता।
बुनियाद कमजोर, केरल और तमिलनाडु से सबक –
भारत विश्व के उन देशों में शामिल है जहां शिक्षा पर बहुत कम खर्च किया जाता है जबकि समाज को तैयार करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षा की होती है, जीवन कौशल का विकास होता है। हम कह लें कि दुनिया में सबसे अधिक युवा हमारे देश में है लेकिन सर्वाधिक अकुशल और बेरोजगार युवाओं से भरा हमारा ही समाज है। मिसाल केरल और तमिलनाडु है जहां शिक्षा पर बड़े खर्च और मानव संसाधन के शानदार इस्तेमाल से मार्केट और टेक्नोलॉजी पर कब्जा है सर्वाधिक जीडीपी के साथ भारत के विकसित राज्यों में शीर्ष पर है।
बेहतर उपाय से नतीज़े आएंगे –
राज्य शासन और शिक्षा विभाग, गुणवत्ता बढ़ाने वाले तमाम ठोस उपाय करें, बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थान शुरू हो, शिक्षक-लेखापाल की भर्ती हो। ब्लॉक में संकुल की तरह क्लस्टर बनाकर शिक्षकों के लिए मेंटर या मनोविज्ञान विशेषज्ञ की नियुक्ति हो जिससे विद्यार्थियों में विषयवार प्रगतिशीलता की समीक्षा और शिक्षकों के साथ कोऑर्डिनेट करके समय-समय पर अध्ययन-अध्यापन शैली, मानसिक स्थिति, कला-कौशल और अच्छे वातावरण निर्माण हो।
कार्यक्रम में आप सब रहे शामिल –
कार्यक्रम में ममता साहू जनपद सदस्य, कल्पना चुम्मन वर्मा, गोलूदास साहू विधिक, नीलेश यादव शैक्षिक प्रगतिशील मंच, दुर्जन साहू पूर्व जनपद सदस्य, अर्जुन सिह क्षत्रिय पंच, तीरथ वर्मा, चुम्मन वर्मा, पूनम साहू, हिरदे वर्मा, नरेंद्र साहू, सोहन वर्मा, शत्रुहन साहू, उत्तम वर्मा, शारदाबाई शिक्षकगण दयाराम मैथिल, रूपकुमार जांगड़े, खिलेंद्र साहू, प्रमिला शेंडे और स्कूल के उत्साहित बच्चों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।