81 वां पड़ाव : वनांचल में विराजे बजरंग बली के दर पर पहुंचीं धर्मयात्रा
ख़ैरागढ़ 00 धर्मयात्रा का 81 वां पड़ाव वनांचल छिंदारी बांध के नीचे विराजमान बजरंग बली के दर पर आयोजित हुआ।धर्म यात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ में बड़ी संख्या में शामिल धर्मयात्रियो और छिंदारी ग्राम के रहवासियों को संबोधित करते हुए प्रसंग के माध्यम से बताया कि हमारे बीच ऐसे बहुत से लोग रहते हैं। जो छद्म रूप में हमें हितचिंतक प्रतीत होते हैं। लेकिन वे सही मायने में हमारे हितचिंतक नहीं होते बल्कि वे हमें धर्म मार्ग से भटकाने वाले होते हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की ज़रूरत है। जो भी आपके बीच आकर आपकी परेशानियों और कष्टों को आधार बनाकर आपको दूसरे धर्म में शरण लेने की सीख प्रलोभन देकर दे। वह आपका हितचिंतक नहीं है। बल्कि आपको धर्म मार्ग से भटकाने आया। पाठ में राजीव चंद्राकर,विजय दुबे,पीयूष महोबिया,उत्तम दशरिया,शुभम चंद्राकर,नवीन चंद्राकर,आशीष वर्मा,पुखराज जंघेल,अजेन दशरिया सहित अन्य शामिल हुए।
सैकड़ों की जीवन में आया परिवर्तन
सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ सैकड़ों के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आया। जिसे आप उनके अनुभवों के आधार पर समझ सकते हैं। छिंदारी में हनुमान मंदिर में प्रसादी सहित अन्य व्यवस्थाएं समाजसेवी धनेश जंघेल ने की।
50 से अधिक धर्मप्रेमी हो चुके हैं शामिल
जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव ने संपूर्ण धर्मयात्रा को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि डेढ़ साल से भी अधिक समय से प्रत्येक मंगलवार को जारी धर्मयात्रा से लगभग 50 हज़ार से भी अधिक धर्मप्रमियों ने अपने जीवन में बड़े परिवर्तन को महसूस किया है। जो अपने अनुभवों को साझा भी कर रहे हैं।
देर रात हुआ भक्ति रस का समागम
नहर से बहते पानी कलकल और छिंदारी की सुरम्य वादियों के बीच भजनों ने भक्ति रस का ऐसा समागम किया कि देर रात तक भजनों की प्रस्तूति होती रही। गायिका डॉ.विधा सिंह राठौर हनुमत भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत की।
शहर से गांव की ओर रूख़
धर्मयात्रा पहले चरण में गोपालपुर के गणेश मंदिर से निकलकर भोरमदेव मंदिर 41 वें पड़ाव में पहुंचीं। जहां 81 वें पड़ाव तक छुईखदान के नगर के विभिन्न मंदिरों से होते हुए ग्रामीण क्षेत्रों का रूख़ कर चुकी है। अब वनांचल के गांवों में भी जन जागरण के उद्देश्य से धर्मयात्रा पहुँच रही है।