धर्मयात्रा : 80 वें पड़ाव में सामूहिक सुंदरकांड के पाठ में शामिल हुए स्वामी ज्योतिर्मयानंद ब्रम्हचारी
ख़ैरागढ़ – छुईखदान00 पाल परिवार एवं जगन्नाथ सेवा समिति के सहयोग से टिकरीपारा में आयोजित धर्मयात्रा के 80 वें पड़ाव में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य व सलधा धाम के पीठाधीश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद ब्रम्हचारी शामिल हुए। स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने धर्मयात्रा के माध्यम से जारी धर्म जनजागरण के प्रयास को अनुपम बताया। उन्होंने कहा कि यह हनुमान जी से मिली शक्ति ही है। जो धर्मयात्रा अपने 80 वें पड़ाव में पहुंच चुकी है। अप्रत्यक्ष रूप में धर्मांतरण पर प्रहार करते हुए स्वामी ज्योतिर्मयानंद ने कहा कि सुर और असुर कहीं दूसरी दुनिया में नहीं होते बल्कि एक ही समय में मौजूद रहते हैं। और धर्म मार्ग से भटकाने का प्रयास करते हैं। हमें ऐसी आसुरी शक्तियों से न केवल स्वयं को बचाना है,बल्कि धर्म की रक्षा भी करनी है क्योंकि धर्म की जो रक्षा करता है,धर्म उसकी रक्षा करता है। स्वामी ज्योतिर्मयानंद सामूहिक सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के पाठ व महा आरती में शामिल हुए। और सलधा धाम में सवा लाख शिव लिंग स्थापना की जानकारी दी।
संतो के सानिध्य के पीछे होता है गूढ़ रहस्य
धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने सलधा धाम के पीठाधीश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद ब्रम्हचारी के आगमन को सुखद संयोग बताते हुए कहा कि संतों का सानिध्य ऐसे ही नहीं मिलता बल्कि उसके पीछे कोई न कोई गूढ़ रहस्य छुपा जोता है। धर्मयात्रा का 80 वां पड़ाव स्वामी ज्योतिर्मयानंद के आगमन से विशेष हो चुका है।
कृष्ण कथा के सवालों का बच्चों ने दिया जवाब
जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव के कृष्ण कथाओं से संबंधित सवाल बच्चों और युवाओं से पूछे। जिसका सही जवाब देने वाले युवाओं व बच्चों को पुरस्कृत किया गया। समिति के उक्त पहल बच्चों का झुकाव धर्म की ओर बढ़ा है और बड़ी संख्या में युवाओं के साथ अब बच्चे भी सुंदरकांड के पाठ में शामिल हो रहा हैं।
मंदिर निर्माण के लिए दान मे प्राप्त हुए 52 सौ रुपए
श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण के लिए पंकज पाल परिवार की ओर से 4100 रूपए व एक अन्य दान दाता की ओर 1100 रूपए प्रदान किए गए।