79 वां पड़ाव : उदयपुर में सुंदरकांड के सामूहिक पाठ में बड़ी संख्या में शामिल हुईं महिलाएं
उदयपुर 00 मां शीतला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर उदयपुर के मां शीतला प्रांगण में धर्मयात्रा का 79 वां पड़ाव आयोजित हुआ। सामूहिक सुंदरकांड के पाठ उदयपुर में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। जो प्रख्यात गायिका डॉ.विधा सिंह राठौर के देवी भजनों से झूम उठीं। जस गीतों ने धर्म मय माहौल को विलक्षण कर दिया। धर्मयात्रा के उक्त पड़ाव में छुईखदान में संपूर्ण धर्मयात्रा का संयोजन कर रहे जय जगन्नाथ सेवा समिति के सदस्य व धर्मयात्री आर्य व्रत सिंह, देवराज किशोर दास,विजय दुबे पीयुष महोबिया, प्रेम श्रीवास, कमलेश यादव, दिलीप वैष्णव, आलोक बख्शी, मुकेश वैष्णव, सुदीप श्रीवास्तव,भीमु सोनी,डा भद्र, प्रमोद सिंह, संजय महोबिया,…. सहित अन्य शामिल रहे। धर्मयात्रियों अभिनंदन जनपद सभापति गुलशन तिवारी ने किया। व कार्यक्रम का संचालन शरद श्रीवास्तव ने किया।
वैभवशाली धार्मिक इतिहास से जड़ें होंगी मज़बूत
धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने धर्मयात्रा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उदयपुर में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर जो धर्म समागम अपने आप में अद्वीतीय है। ख़ासकर पहले कलश यात्रा और अब धर्म यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल महिलाएं धर्म के प्रति जागरूकता का संदेश दे रही है। भागवत शरण ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी को अपना सही इतिहास बताना होगा। हमें अपने वैभव शाली धार्मिक इतिहास से युवाओं को अवगत कराना होगा। तभी देश को जड़ें मजबूत हो पाएंगीं।
शॉल,श्रीफल,प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया गया सम्मान
धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह,ख्याति प्राप्त गायिका विधा सिंह का शॉल व श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया गया। साथ ही समस्त धर्मयात्रिओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। साथ ही धर्मयात्रा के सतत साथी राजीव चंद्राकर,उत्तम दशरिया,आशीष वर्मा, पुखराज जंघेल, अजेन दशरिया सहित का भी अभिनंदन किया गया।
असीमित ऊर्जा होती है संचित
धर्मयात्रा पर प्रकाश डालते हुए जय जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव ने कहा कि एक सार्थक उद्देश्य के साथ निकली धर्मयात्रा प्रत्येक पड़ाव में धर्म जन जागरण का संदेश दे रही है। आदित्य देव ने कहा सामूहिक पाठ से असीमित ऊर्जा संचित होती है।
मंदिर निर्माण के लिए दी राशि
जनपद सभापति गुलशन तिवारी ने श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण में अपना अंशदान प्रदान करते हुए 5001 रूपए की राशि प्रदान की।