ऋषिकेश प्रारंभ से ही सरस्वती शिशु मंदिर में अध्ययनरत रहते हुए मेधावी छात्र एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहा,10,वी 12वी बोर्ड परीक्षा में भी सभी विषयों में विशेष योग्यता अर्जित कर उतीर्ण किया ,पश्चात गुरुघासी दास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर से बी एस सी एवं एम एस सी भौतिक शास्त्र में अपने प्रतिभा का जौहर दिखाते हुए विशेष योग्यता के साथ उतीर्ण किया,पश्चात गहन अध्ययन करते हुए आल इंडिया गेट की परीक्षा में पूरे देश भर में 1123 रेंक अर्जित कर अपने परिवार, विद्यालय, एवं डोंगरगढ़ को गौरवान्वित किया,ऋषिकेश पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद में फुटबॉल में एस जी एफ आई जैसे राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय को गौरवान्वित कर चुका है,वे डी आर डी ओ में साइंटिस्ट, या प्राध्यापक बनना चाहता है,उनके पिता श्री नारद सिन्हा 16 वर्षो तक सरस्वती शिशु मंदिर डोंगरगढ़ में संस्कृत केआचार्य रहे वर्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोरतलाव में संस्कृत के व्याख्याता पद पर कार्यरत है उनकी माता श्रीमती सुमन सिन्हा गृहणी है,विद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामना देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है ।