खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र 73 में उपचुनाव के दौरान शासन द्वारा मतदान केन्द्रों में छाया,पानी एवं प्रकाशन की व्यवस्था किये जाने हेतु कलेक्टर निर्वाचन शाखा राजनांदगांव से तहसील कार्यालय खैरागढ़ को प्रति मतदान केंद्र 1500 रुपये के मान से 108 मतदान केंद्रों हेतु 162000 (एक लाख बैसठ हजार) रुपये प्राप्त हुआ था। जिसमें खैरागढ़ तहसीलदार द्वारा फर्जी बिल लगा कर उक्त राशि को बड़ी चतुराई के साथ फर्जीवाड़ा कर राशि का गबन किया गया था 6 महीनों बाद सच्चाई आई सामने।
अधीनस्थ न्यायालय की गरिमा को प्रीतम साहू कर रहे कलंकित….. टेंट हाऊस संचालक मनोज साहू ने तहसीलदार के काले कारनामों का किया खुलासा….
विधानसभा 73 के उपचुनाव में शासन द्वारा मतदान केंद्रों में छाया,पानी एवं प्रकाशन कि व्यवस्था के लिये खैरागढ़ तहसील कार्यालय को प्राप्त राशि को खैरागढ़ तहसीलदार द्वारा बड़ी चतुराई के साथ गबन किया गया था पर तहसीलदार की सारी चतुराई धरी की धरी रह गई। जिसका खुलासा टेंट हाऊस संचालक मनोज साहू के वायरल विडियो में हुवा उनके द्वारा बाताया गया है कि खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान उन्होंने टेंट लगाये थे वो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के कहने पर लगाये थे, जिसका पैसा उनको कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा दे दिया गया था। जबकि तहसीलदार द्वारा उनको किसी भी मतदान केंद्रों में छाया, पानी एवं प्रकाशन से संबंधित टेंट की व्यवस्था करने को नहीं कहा गया था। खैरागढ़ तहसीलदार द्वारा उनसे बस 52 हजार पाच सौ रुपये का बिल मांगा गया जिसके एवज में टेंट संचालक मनोज साहू को मात्र 12 हजार रुपये दिया गया बाकी के पैसों को तहसीलदार द्वारा हजम करना बताया गया जिसको वायरल विडियो में साफ साफ देखा जा सकता है। विडियो के वायरल होते ही हमारे द्वारा तहसील कार्यालय से जानकारी मांगी गई प्राप्त जानकारी में दर्शाया गया है कि टेंट हाउस संचालकों को राशि चेक के माध्यम से आबंटित किया गया था। जिसमें चेक क्रमांक 528579 से 66 हजार रूपये कि राशि कंचन टेंट हाऊस को चेक क्रमांक 528580 से 43 हजार पाच सौ रुपये की राशि रघुलाल वर्मा टेंट हाऊस एवं मनोज लाईट डेकोरेशन को चेक क्रमांक 528581 से 52 हजार पाच सौ रुपये की राशि दी गई है। परन्तु मनोज लाईट डेकोरेशन एवं साउंड सर्विस के संचालक द्वारा बताया गया कि उनको राशि नगद दी गई ना कि चेक के माध्यम से जिससे साफ पता चलता है कि कितनी चतुराई के साथ बैंक में भी उक्त चेक को फर्जी तरीके से भंजाया गया। न्यायपालिका में बैठे ऐसे भ्रष्ट अधिकारी कर रहे न्यायपालिका की गरिमा को कलंकित। के•सी•जी जिले के तहसील न्यायालय में ऐसे अनेखो मामले है जिनमें नायाब तहसीलदार व प्रशिक्षण अवधि के तहसीलदार द्वारा अनेखो धांधलियां कि गई। उच्च अधिकारियों के संरक्षण के चलते भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध नहीं होती कार्यवाही के•सी•जी जिला भ्रष्टाचार की और हो रहा अग्रसर। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कब कसी जाएगी नकेल?