रायपुर। कर्मचारी, अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल पर सरकार झुकने के लिए तैयार नहीं। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है, हमारी सरकार लगातार कर्मचारियों के हितों में काम कर रही है। उनके लिए फाइव डे वीक भी किया गया। फिर भी कर्मचारी सौदेबाजी करना चाहते हैं तो उनकी इच्छा…सरकार अपना काम करेगी।
कर्मचारियों की हड़ताल से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, देखिए उनसे बात हुई थी, बातचीत के बाद ही 6 प्रतिशत डीए बढ़ाया गया था…आधे संगठनों ने इसका स्वागत भी किया है। इसके दूसरे संगठन के लोग भी मेरे से मिलने आये थे। उन्होंने कहा, छह परसेंट से 1 परसेंट भी बढ़ा दीजिए। सीएम बोले, आखिर ये सौदेबाजी न हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा, आर्थिक व्यवस्था को देखते हुये हमने डीए बढ़ाया है। ओल्ड पेंशन स्कीम भी लागू किया है। हम कर्मचारियों के हित में लगातार फैसला लेते जा रहे हैं। जितनी भी शासकीय योजना हैं उसका भी लाभ भी कर्मचारियों को मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में तो उन योजनाओं से उनको वंचित कर देते थे। कर्मचारियों के हित में हमने वर्किंग डेज 5 दिन किया। उसके बाद भी वो हड़ताल करना चाहते हैं तो उनकी इच्छा…सरकार अपना काम करेगी।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा, भोपाल में बैठक है। बैठक में रखी जाने वाली माँगों और मुद्दों पर कहा, जो काम हमने किए हैं, उसकी चर्चा करेंगे। फंड की समस्या रहती है। केंद्रीय कर का 11-12 हज़ार करोड़ नहीं मिल पा रहा है। कोंडागांव नक्सल मुक्त हुआ तो फंड रोक दिया गया। जबकि हमें तो इनाम मिलना चाहिए था।
बस्तर में सड़कों का जाल बिछा हुआ है। आज तक अबूझमाड़ में पट्टा नहीं दिया गया था। हमारी सरकार आने के बाद पट्टा भी दिया जा रहा है, सड़कें भी बन रही है।
विपक्ष के रेवड़ी बांटने वाले आरोपों पर मुख्यमंत्री भूपेश बोले- रेवड़ी किसे कहते हैं, किसानों को दी जाने वाली राशि से लेकर गरीबों आदिवासियों को दी जाने वाली राशि क्या रेवड़ी है, विपक्ष पहले इसे स्पष्ट करे। अगर इसे रेवड़ी मानते हैं तो इससे साबित हो जाएगा कि विपक्ष किसान विरोधी है।
नक्सल समस्या पर बोले- हमारे कामों की वज़ह से नक्सलियों की भर्ती प्रभावित हुई है। लोग मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं, हमने स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोड़ दिया है, उससे काफी फ़र्क़ पड़ा है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हंटर वाली के हंटर से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा, अब जामवाल आए हैं, जाम देकर सबको मस्त कर चुके हैं, अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक बदले जा चुके हैं, जिससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा।