लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निजी स्कूलों पर कार्रवाई के लिए जारी आदेश के बाद अब तनातनी की स्थिति निर्मित हो गई है। निजी स्कूलों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके द्वारा छात्रों को यूनिफॉर्म और किताबें नहीं दी जाएंगी। छात्रों को किसी भी प्रावधान का करने शासन अपने आदेश में नहीं किया है। स्कूलों में ठनी इसलिए डीपीआई के आदेश को वे नहीं मानेंगे। बुधवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा इस संदर्भ में खत जारी कर शासन व प्रशासन स्तर पर विरोध भी दर्ज कराया गया है।
• आरटीई इस तरह के अध्ययन सामग्री प्रदान जिक्र कोर्ट ने और निजी
RTE
गरीब छात्रों को गणवेश तथा अध्ययन सामग्री प्रदान नहीं कर रहे हैं। इन स्कूलों पर कार्रवाई कर इनका ब्यौरा भी सौंपने कहा गया था। इस आदेश का ही निजी स्कूल विरोध कर रहे हैं। प्रदेश में आरटीई के अंतर्गत दाखिले का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है। फिलहाल दूसरे चरण के लिए आवेदन चल रहे हैं।
ऐसा कोई नियम नहीं
इसके एक दिन पूर्व लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को खत लिखकर ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करने कहा था, जो आरटीई के अंतर्गत प्रवेश प्राप्त करने वाले
लोकशिक्षण संचालनालय द्वारा जारी किए गए आदेश का कोई आधार नहीं है। ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसके अनुसार निजी स्कूलों द्वारा गणवेश किये तथा लेखन सामडी प्रदान की जाए।
-राजीव गुप्ता, अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल