“पुरानी पेंशन योजना विसंगति पूर्ण ना की जाए बल्कि धैर्यपूर्वक तकनीकी बाधाओं को दूर करते हुए नीतिगत निर्णय लेकर लागू की जाए “
उक्त उदगार श्री कमलेश्वर सिंह छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय महासचिव ने विज्ञप्ति के माध्यम से की ।उन्होंने पेंशन एवम् कोष लेखा संचालनालय छत्तीसगढ़ को छत्तीसगढ़ शिक्षक कल्याण संघ के प्रतिनिधियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ संगठनो या सोशल मीडिया द्वारा 2004 से या 2012 से या साविलियन तिथि से दिए जाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है जो कि निराधार और तर्क संगत नहीं लगता क्यों कि इससे पूर्व दैनिक वेतनभोगी एवम् कार्यभारित कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति तिथि से नियमित मानते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है उसी प्रकार 2005- 06 में कुछ निजी शिक्षण संस्थाओं को सरकार ने अपने अधीन लिया तो अशासकीय सदस्यों नियुक्ति शिक्षकों 1998 से प्रथम नियुक्ति मानते हुए पुरानी पेंशन के समस्त लाभ दिए गए ।जबकि जानकारी में यह होना चाहिए इन शिक्षकों 2006 में शिक्षा कर्मी के पद पर नियुक्त किए थे न्यायालय के आदेश में 2011 में स्कूल शिक्षा विभाग में सविलियंन किया गया था ।
पुरानी पेंशन योजना 1976 एवम् 1979 के नीति नियमो के अनुसार कम से कम 10 वर्ष की सेवा तो होनी ही चाहिए यदि साविलियन तिथि से पुरानी पेंशन देनी की सोचते है तो यह विसंगति पूर्ण होगी ।2013 में हुए विसंगतिपूर्ण वेतन निर्धारण की तरह होगी ।
अतः यदि सरकार वास्तव में समस्त सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की महत्वपूर्ण ओर ऐतिहासिक निर्णय लिया है तो इन्हे विसंगति रहित लागू की जानी चाहिए ।विभिन्न प्रकार के संगठनों के नेतृत्वकर्तओं के कुछ ऐसे हित होते है जो अपने फायदे के लिए नियमो को तोड मरोड़ कर शासन के समक्ष रखते है परन्तु सरकार को चाहिए कि कभी कभी कुछ ऐसे भी निर्णय लेने होते है जो तकनीकी पैच के होते है इन्हे केबिनेट के निर्णय से वैधानिक बनाया जा सकता है ।
अतः छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय महासचिव श्री कमलेश्वर सिंह ने राज्य सरकार से स्पष्ट रूप से मांग रखी है कि शिक्षक (एल बी) संवर्ग को 1998 से नियुक्ति तिथि से सेवा की पेपर गणना करते हुए समस्त आर्थिक लाभ को जोड़ा जाए तथा इसके नगदी करन के बजाय जीपीएफ खाते में जमा कर दी जाए ।यदि इसके लिए नियम बनाने की बात ही तो केबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जाए परन्तु पुरानी पेंशन योजना प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना करके है ही विसंगति रहित पेंशन योजना लागू की जाए ।