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20 साल पुरानी मांग को पूरा कर रही है कांग्रेस सरकार तो बी जे पी विरोध कर रही है आर पी सिंह

खैरागढ़. । खैरागढ़ को जिला बनाने की 20 साल पूरानी मांग को आज कांग्रेस सरकार पूरी करने वाली है जिसके चलते भाजपाई आज विरोध कर रहे हैं. उक्त बातें पत्रवार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने कही. उन्होंने मंगलवार को आयोजित पत्रवार्ता का आयोजन कर बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनाने की घोषणा की है तब पत्रकारों सहित सभी बुद्धिजीवियों ने इसका स्वागत किया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री सहित भाजपा के सभी नेता इस बहुप्रतिक्षित मांग का लगातार विरोध कर रही है.

उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा ने 15 साल में खैरागढ़ को जिला क्यों नहीं बनाया. उन्होंने आगे बताया कि भाजपा शासन में गंडई को जिला बनाने स्थानीय लोगों द्वारा वहां चक्काजाम की गई थी लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह ने उनपर डंडे बरसाये और गंडई को तहसील नहीं बनाया गया परंतु प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही  11 नवंबर 2020 को गंडई को तहसील बनाया गया. विगत दिनों खैरागढ़ में आयोजित पत्रवार्ता के दिन भी मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में 23 तहसीलें बनाई गई. साल्हेवारा वनांचल क्षेत्र के लोगों को लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर तय कर जिला जाना पड़ता है अगर खैरागढ़ जिला बनेगा तब उन्हें अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार वादा निभाने वाली सरकार है, सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने 1 घंटे के भीतर पूरे प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ कर दिया इसी तरह 16 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होने पर 24 घंटे के भीतर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनाने की घोषणा की जायेगी. श्री सिंह ने आगे कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद सरकारी स्कूल (स्वामी आत्मानंद स्कूल) में इतनी बेहतर शिक्षा छात्रों को मिल रही है कि पहली बार सरकारी स्कूल में छात्रों को भर्ती कराने अप्रोच लगाते देखा जा रहा है. साल्हेवारा में भी स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है लेकिन भाजपा को इससे दिक्कत क्यों हो रही है? देवव्रत सिंह की मूर्ति लगाये जाने तथा उनका पुतला जलाने को लेकर उन्होंने कहा कि मरवाही उपचुनाव के समय जब वे दो माह तक रूके थे तब छजकां के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भाजपा को समर्थन देने की बात कही थी लेकिन देवव्रत सिंह इसके खिलाफ थे और उनसे संपर्क कर कहा था कि कांग्रेस मेरी खून में है और मैं कांग्रेस का ही समर्थन करूंगा. राजनीति में एक-दूसरे का विरोध होता है. सिंधिया ने भी प्रधानमंत्री को खूनी सहित कई बातें कही थी लेकिन आज वह उसी पार्टी में चला गया. देवव्रत सिंह की मूर्ति लगाने का विरोध करने वाली भाजपा खुद क्यों नहीं मूर्ति लगाते. पत्रकारों द्वारा पूछे गये एक सवाल में आरपी सिंह ने कहा कि देवव्रत सिंह यदि जीवित होते और उनकी खैरागढ़ को जिला बनाने की मांग होती तब भी खैरागढ़ को जिला बनाने की मांग पूरी होती. भाजपाईयों द्वारा जिला बनाने की घोषणा को आचार संहिता का उल् लंघन कहे जाने को लेकर आरपी सिंह ने कहा कि निर्वाचन पत्र मिलने के बाद ही आचार संहिता खत्म हो जाती है, मेरे समझ में यह नहीं आता कि अनपढ़ तथा कूपढ़ लोग भाजपा में ही क्यों पाये जाते हैं. भाजपाईयों को कुछ मुद्दा नहीं मिल रहा है तो जिला निर्माण का विरोध कर रहे हैं. इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र यादव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभय नारायण राय, जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताद्वय रूपेश दुबे व अनुराग शांति तुरे मौजूद थे.

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