खैरागढ़। जिले के अंतिम छोर में बसे बाजार अतरिया में क्षेत्रवासियों द्वारा विगत 15 वर्षों से महाविद्यालय की मांग की जा रही है। लेकिन अभी तक महाविद्यालय की मांग पूरी नहीं हो सकी है। बाजार अतरिया क्षेत्र में एक जंक्शन के रूप में जाना जाता है जहां 25-30 गांव के लोगो का आना जाना लगा रहता है। वहीं क्षेत्र के किशोरी बालिकाओं को उच्च शिक्षा अध्ययन करने के लिए 25-30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
बता दें कि दूरी के वजह से कई किशोरी बालिका उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं इसी को ध्यान में रखते हुए बाजार अतरिया सहित आसपास के ग्रामीणों ने आसन्न विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है क्षेत्र के लोग महाविद्यालय की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार के लिए लामबंद हो गए हैं। आज लगभग 70 की संख्या में बाजार अतरिया सहित आसपास गांव के युवाओं ने अनुविभागीय अधिकारी लवकेश ध्रुव को ज्ञापन सौंपकर चुनाव बहिष्कार करने के लिए आवेदन दिए हैं। वहीं एसडीएम लोकेश ध्रुव ने उच्च अधिकारियों से जल्द ही बात करने की बात कही, और युवाओं को अधिक से अधिक मतदान करने का आग्रह किया। इस अवसर पर बाजार अतरिया के आसपास गांव रगरा दुल्लापुर सोनपुरी भीमपुरी भोरमपुर, आमाघाटकादा, अछोली आदि गांव के लोग उपस्थित रहे।
◆क्यों जरूरी है महाविद्यालय
बाजार अतरिया में महाविद्यालय इसलिए जरूरी है क्योंकि बाजार अतरिया आसपास गांव के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा अध्ययन करने के लिए 25 – 30 किलोमीटर की दूरी तय कर खैरागढ़, छुईखदान एवं धमधा जाना पड़ता है वहीं यातायात के असुविधा के वजह से किशोरी बालिका है रेगुलर उच्च शिक्षा के लिए वंचित हो रहे हैं। इसलिए बाजार अतरिया में महाविद्यालय बहुत ही आवश्यक है
◆अब तक क्या-क्या हुआ
बता दें कि बाजार अतरिया के युवाओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित विधायक, सांसद व कलेक्टर को भी आवेदन दे चुके हैं। पूर्व मे आवेदन के ही जवाब में मुख्यमंत्री निवास से आदेश जारी हुआ कि बाजार अतरिया मे महाविद्यालय के लिए स्थल निरीक्षण किया जाए उस समय तत्कालीन दिग्विजय कॉलेज प्राचार्य के डॉक्टर आरएन सिंह सहित उनके टीम के द्वारा बाजार अतरिया में महाविद्यालय के लिए स्थल निरीक्षण किया गया। जहां ग्राम पंचायत बाजार अतरिया के सरपंच सहित जनप्रतिनिधि लोग उपस्थित रहे वहीं डॉ आर एन सिंह के रिपोर्ट के हिसाब से सभी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। उन्होंने हिसाब से अब तक महाविद्यालय खुल जाना था। उसके बाद सत्ता परिवर्तन होते ही यहां के युवाओं ने फिर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आवेदन दिया था जहां से कुछ आश्वासन भी नहीं दिया। वर्तमान मे युवाओं को कुछ आश्वासन नही मिला तो चुनाव बहिष्कार निश्चित है।