। अब कल से विभिन्न दलों सहित निर्दलीय प्रत्याशी खैरागढ़ विधानसभा में घर-घर जनसंपर्क आकर चुनावी दंगल में खुलकर काम कर पाएंगे। कांग्रेस और भाजपा सहित जोगी कांग्रेस का मुख्य फोकस चुनाव प्रचार पर है। दोनों दलों सहित इस क्षेत्रीय पार्टी के नेता अपने-अपने स्टार प्रचारक की सभा की तैयारी में लगे है। वही अपनी पार्टी के नेताओं को प्रत्याशियों के पक्ष में जनसंपर्क करवा रहे हैं। इन सबके बीच जिले के कुछ दफ्तर ऐसे हैं जो खुलेआम निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को सामान्य मान कर अपनी मनमानी करते हुए आचार संहिता सहित नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं । जिम्मेदार अधिकारी विभागीय मीटिग सहित जन प्रतिनिधियो से देर रात मेल मिलाप कर ऐसे ही कृत्य कर रहे है। एक बडे अधिकारी की तो आचार संहिता के दौरान क्षेत्र के धार्मिक आयोजन को लेकर जन प्रतिनिधियो के साथ चर्चा कर सफल बनाने मे लगे रहने की चर्चा चलती रही। ऐसे ही एक गंभीर मामला उस समय देखने मिला । जब निर्वाचन कार्यालय द्वारा प्रत्येक कार्यालय को अनिवार्य रूप से एक बाबू व क्लर्क के साथ अनिवार्य खोले जाने का आदेश पत्र क्रमांक 751 द्वारा जारी कर कार्यालय मे उपस्थित रहने का निर्देश दिया है और यह कहा है कि हर हाल में कार्यालय खोला जाए । इसके बावजूद आज हथकरघा कार्यालय तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यालय में सुबह दस बजे से तालाबंदी की स्थिति रही । आदिम जाति परियोजना का डाक मतपत्र कार्यालय भी निर्धारित 10:00 बजे से एक घंटा लेट से खुला। इन दोनों कार्यालय की देरी से खुलने व ताला बंद रहने की अकसर शिकायत सामने आयी है। जिसको लेकर जिला निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को भी जानकारी होंने की खबर है फिर भी वह ऐसी गलती करने वाले अधिकारियो को नोटिस या डाँट फटकार करने से भी पीछे हटने की चर्चा चल रही हैं। जिसके चलते अराजकता की स्थिति बनी है और अन्य कार्यालय के चपरासी और क्लर्क कह रहे हैं कि दो या तीन ऑफिस में क्या निर्वाचन कार्यालय का आदेश लागू नहीं होता है। हमको क्यों फिर छुट्टी के दिन भी कार्यालय चालू करने कहा जा रहा है। इस मामले में सामान्य प्रेक्षक पी सांताराम गोटे विश्राम गृह में रुकर नजर रख रहे हैं परंतु निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को सामान्य मानकर निर्वाचन से जुडे अधिकारी ऐसे गलती करने वाले अधिकारियों की गलतियों को नजरअंदाज कर रहे हैं। इस संबंध में जब हथकरघा विभाग के उपसंचालक आईआर सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि मैं तो अभी भिलाई में हूं। मेरी तबीयत ठीक नहीं है और मुझे इस संबंध में निर्वाचन कार्यालय से ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। वही मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता आर के सिन्हा से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन बंद बताता रहा । दोनों अधिकारियों की गैर जिम्मेदारी के चलते उनके कार्यालय पर ताला भी लटकता रहा। 4:00 बजे के आसपास कार्यालय खोलने की जानकारी मिल रही है। अब देखना यह है कि निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी इतने गंभीर मामले को सामान्य रूप में लेते हैं अथवा सब चलता की तर्ज पर लीपापोती करते हैं।