- कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आदेश
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-73 खैरागढ़ में उप निर्वाचन 2022 की घोषणा होने के बाद छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-4 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का चलाया जाना अथवा चलवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध किया है। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर और चुनावी सभाओं में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकेगा। किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे तथा मध्यम आवाज में ही चलाये जा सकेंगे। लोक शांति को देखते हुए लंबे चोगे वाले माइक (हार्न माइक) का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। वाहनों पर और चुनावी सभाओं में एक से अधिक माइक समूह में नहीं लगाए जाएंगे। इन्हें भी प्रतिबंधित किया जाता है।
सभी राजनैतिक दल उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति अपने दल के प्रचार-प्रसार के लिए लाऊडस्पीकरों का प्रयोग करते हैं। इन लाउडस्पीकरों का प्रयोग न केवल स्थायी मंच से होता है, बल्कि वाहनों यथा ट्रक, टैम्पों, कारों, टैक्सियों, वेन, तिपहिया स्कूटर, साइकिल, रिक्शा आदि पर होते हैं। ये वाहन सभी सड़कों, गलियों, उप गलियों पर चलते हैं और गांवों, बस्तियों, मोहल्लों, कालोनियों में भी बहुत ऊंची आवाज पर लाऊडस्पीकरों से प्रसारण करते हुए जाते हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण होता है और आम जनता की शांति व प्रशांति में बहुत बाधा उत्पन्न होती हैं। लाऊडस्पीकरों की ऊंची आवाज के प्रयोग से विद्यार्थी वर्ग विशेष रूप से अशांत हो जाते है, क्यों कि उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है और चूंकि लाऊडस्पीकर बहुत सुबह शोरगुल करना शुरू कर देते है और पूरा दिन इससे बुढ़े, दुर्बल और बीमार चाहे वे किसी भी संस्था, अस्पताल आदि में हो या घर में हों, उन्हें बहुत बेचैनी होती है। निर्वाचन अवधि में लाऊंडस्वीकरों के प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता, क्योंकि लाऊंडस्पीकर निर्वाचन प्रचार के एवं जनसंप्रेषण के साधनों में से एक है। लेकिन इसके साथ-साथ विषम समय एवं विषम स्थान पर लाऊंडस्पीकर के अविवेकपूर्ण तथा ऊंचे स्वरों पर अव्यवहारिक प्रयोग जिसकी शांति एवं प्रशांति पर कुप्रभाव पड़ता हो एवं सामान्यत: जनसामान्य तथा विशेषत: रोगियों और विद्यार्थी समुदाय की बेचौनी का कारण हो इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती हैं।
लाऊंडस्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्र या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा हो, तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डीबी (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए या 75 डीबी (ए) से अधिक नहीं अथवा इनमें से जो भी कम है से अधिक है, नहीं होना चाहिए। किसी निजी उपयोग के स्थान की सीमा पर यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपने निजी ध्वनि यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है, जो उसकी सीमा उस क्षेत्र के लिए निर्धारित परिवेशीय वायु गुणवत्ता सीमा से 5 डीबी (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। चुनावी सभाओं में एवं चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने के लिए अनुविभाग क्षेत्र हेतु अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील क्षेत्र हेतु तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। प्रात: 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी की अनुमति लेकर सामान्यत: किया जा सकता है। लेकिन शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालयों व नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगर पालिका परिषद, जनपद पंचायत, निकाय कार्यालयों, बैंको, पोस्ट ऑफिस, दूरभाष केन्द्र आदि कार्यालयों से 100 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों, पटाखों एवं प्रेशर हार्न या म्युजिकल हार्न या अन्य किसी प्रकार के साउन्ड एम्प्लीफायर का उपयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णत: प्रतिबंधित होगा। यह आदेश 12 मार्च 2022 से चुनाव प्रकिया समाप्त होने 18 अप्रैल 2022 तक सम्पूर्ण राजनांदगांव जिले में प्रभावशील रहेगा।