
खैरागढ़ : जिला पंचायत के सहकारिता सभापति और खैरागढ़ विकासखण्ड से निर्वाचित जिला पंचायत के सदस्य विप्लव साहू ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गए गए बजट प्रावधान में अंचल को जिला निर्माण, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ भी नही दिए जाने को बेहद निराश कर देने वाला कदम बताया है.
न जिला बना, न बड़ी सुविधा
जिला निर्माण को लेकर अंचल सात सालों से टकटकी लगाए देख रहा है जिसमे प्रदर्शन के साथ सभी तरह की गतिविधियां और जतन किया गया, लेकिन सरकार के शब्दों के जाल में ये आस भी टूटती दिख रही है.
कॉलेज का अभाव –
मुढ़ीपार और अतरिया में महाविद्यालय की मांग लंबे समय से की जा रही थी. खैरागढ़ शहर को आत्मानंद स्कूल से वंचित रखा गया है, जो विद्यार्थियों और युवाओं के साथ भारी अन्याय है. मुख्यमंत्री को संवेदनशील होकर खैरागढ़ विधानसभा को बड़े से बड़ा तोहफा देना था, लेकिन झुनझुना पकड़ा कर छोड़ दिया गया. मौजूद महाविद्यालय पर जून जुलाई और अगस्त के महीने में विद्यार्थियों के प्रवेश का दबाव बढ़ जाता है और विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए दर-दर, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों के पास भटकना पड़ता है. यह दर्शाता है कि सरकार शिक्षा के प्रति कितनी उदासीन है.
सब्जी-फल मंडी
एक दशक में खैरागढ़ क्षेत्र में सब्जी की बंपर उत्पादन और आवक हो रही है, जिसे बाजार की जरूरत है, इस दिशा में सब्जी और फल मंडी की बड़ी आवश्यकता पर कोई ध्यान नही दिया गया. मार्केटिंग के लिए ग्रामीणों और व्यापारियों को राजनांदगांव, कुम्हारी और नागपुर तक जाना पड़ता है. साथ ही लघु उद्योग या वनोपज आधारित औद्योगिकीकरण की दिशा में किसी भी सरकार द्वारा निर्णय न लिया जाना अजीब और अंचल से रोजगार-नवाचार की तरफ से मुंह फेर लेना है.