इस मामले की शुरुआत पिछले साल दिसंबर में हुई। एक आदिवासी वाहन चालक ने राजनांदगांव जिले के थाने में जिले की खुज्जी विधानसभा क्षेत्र से विधायक छन्नी साहू के पति चंदू साहू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। चालक ने आरोप लगाया कि विधायक के पति चंदू साहू ने जातिसूचक शब्दों का उपयोग कर उससे गाली-गलौज की। इस पर पुलिस ने चंदू के खिलाफ IPC की धारा 294, 506 और एस्ट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।
मामला विधायक के पति का होने के कारण पुलिस आरोपी को पकड़ने से बचती रही। लेकिन इस मामले में आदिवासी समाज एकजुट हो गया और प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया। आदिवासी समाज को लामबंद होते देख बीजेपी भी मौके का फायदा उठाने के लिए विधायक के पति की गिरफ़्तारी की मांग करने लगी। दबाव बढ़ता देख विधायक के पति ने सरेंडर कर दिया।
इसके साथ ही खुज्जी विधायक ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगते हुए अपना वाहन और सुरक्षा एसपी ऑफिस जाकर लौटा दी। इसके बाद से विधायक सरकार का अघोषित विरोध कर रही हैं। वे स्कूटी से ही विधानसभा जा रही हैं। उनके इस विरोध से भाजपा नेताओं को मौका मिल रहा है। बुधवार को भी विधायक स्कूटी से विधानसभा पहुंची तो सुरक्षा कर्मियों ने रोक लिया। बताते हैं कि विधायक अपनी स्कूटी बाहर छोड़कर विधानसभा के भीतर गईं।
विधायक छन्नी साहू को सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का समर्थक माना जाता है। विरोध के इस तरीके को लेकर लोग गुटबाजी को भी एक कारण मान रहे हैं। अतीत में सीएम की कुर्सी को लेकर जो कुछ हुआ है, उससे ये साफ है कि मंत्री भी सीएम की कुर्सी चाहते थे। लेकिन बात न बनने पर दो धड़े बन गए हैं।