बिना चेतावनी छोड़ा पानी, खैरागढ़ में फिर दोहराया गया दर्दनाक दृश्य- मनराखन
खैरागढ़ : जब सुबह-सुबह प्रधान पाठ बैराज से पानी छोड़ा गया तो खैरागढ़ शहर और आसपास के गांवों में लोग अपने रोज़मर्रा के काम में लगे हुए थे। ना कोई मुनादी हुई ना कोई अलर्ट जारी और कुछ ही घंटों में पानी ने घरों और दुकानों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इतवारी बाजार जो खैरागढ़ का व्यापारिक हृदय कहा जाता है वहां के व्यापारियों की आंखों के सामने हजारों का माल बर्बाद हो गया। किसानों की खड़ी फसलें बह गईं। विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और कहा प्रशासन की यह लापरवाही क्षम्य नहीं है। बगैर चेतावनी पानी छोड़ना लोगों की जान-माल से खिलवाड़ है। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले वर्ष बाढ़ प्रभावित लोगों को आज तक मुआवज़ा नहीं मिला। अब फिर से वही हालात दोहराए जा रहे हैं लेकिन प्रशासन कागजो तक सीमित है। राहत शिविरों की कोई व्यवस्था नहीं और पीने के पानी व भोजन की भारी किल्लत बनी हुई है। खासकर पिछड़ी बस्तियों में लोग खुले में रहने को मजबूर हैं।