सरस्वती संकेत समाचार 25.07.2025
खैरागढ़ जिले के निजी स्कूलों को आज पर्यंत तक नहीं मिली, शासन की पूरी पुस्तके
बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है, प्रतिकूल प्रभाव
पिछला दर्ज अनुसार दी गयी निःशुल्क पुस्तके, हर स्कूल मे पुस्तक की कमी
शासन से दर्ज अनुसार पुस्तके देने का निवेदन
शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर शासन ने आदेशानुसार राज्य के सभी निजी स्कूलों मे शासन द्वारा दी जाने वाली निशुल्क पाठ्यपुस्तकों से बच्चों को पढ़या जाना है, परन्तु जारी समय सारणी अनुसार आज पर्यंत तक निजी स्कूलों को पूरी पुस्तके नहीं मिली है, ऐसे मे बच्चों का भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है
एक तरफ शासन – प्रशासन बच्चों की गुणवत्ता को लेकर तरह तरह के आयोजन कर रही है, वही शासन द्वारा मिलने वाली पुस्तके आज पर्यंत तक बच्चे को नहीं मिल पायी है इसका कारण बताते हुए कहा गया है की निजी स्कूलों को पिछली दर्ज के अनुसार पुस्तके दी गयी है
मानलो किसी स्कूल मे पिछले सत्र मे कक्षा 1 मे 25 बच्चे थे तो उस स्कूल को कक्षा 2 के लिए 25 पुस्तके मिली, लेकिन प्रत्येक वर्ष निजी स्कूलों की दर्ज संख्या मे 20 से 25 प्रतिशत तक इजाफा होता है, जिसके चलते बच्चों को पुस्तके नहीं दी जा सकी है, इसमें दूसरा मुद्दा पुस्तकों की स्केनिंग भी है, अब चुकी स्केनिंग की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है परन्तु सवाल फिर भी वही है पर्याप्त पुस्तक है की नहीं तो बच्चों को क्या दे
इस संबध मे जिला शिक्षा अधिकारी खैरागढ़ ने कहा की हमारे पास पिछले वर्ष की कुछ पुस्तके रखी हुई है, जो पुस्तके नहीं बदली गयी है ऐसे पुस्तकों को निजी स्कूल आवश्यकता अनुसार जिला कार्यलय से ले सकते है, बहुत जल्दी शासन को एक्स्ट्रा डिमांड भेजे देंगे
छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल मैंनेजमेंट एसोसिएशन रायपुर के जिलाध्यक्ष श्री राजेंद सिंह चंदेल ने कहा की – शासन बच्चों के भविष्य से खेल रही है, पुस्तके वर्तमान दर्ज संख्या या अनुमानित दर्ज के आधार पर दिया जाना चाहिए या फिर प्रायवेट पुस्तके संचालित करने का आदेश प्रदान कर देवे