खैरागढ़ सरस्वती संकेत से राजेंद सिंह चंदेल की रिपोर्ट –
👉 *छत्तीसगढ़ी वेशभूषाओं सहित लोक वाद्ययंत्रों से हुई अवगत*
👉 *संग्रहालय में मूर्तिकला व चित्रकला सहित पुरातत्व विथिकाओं को जाना*
खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डाॅ. लवली शर्मा ने लोक संगीत विभाग का निरीक्षण किया। इस दौरान कुलपति महोदया ने लोक संगीत विभाग की सहायक प्राध्यापक डाॅ.दीपशिखा पटेल को विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिये आवश्यक कार्यों को तत्काल पूरा कराने की बात कही। इसके पश्चात निरीक्षण के दौरान कुलपति महोदया ने छत्तीसगढ़ी वेशभूषाओं को बारिकी से जाना तथा छत्तीसगढ़ के लोक वाद्यों से भी अवगत हुईं। लोक संगीत विभाग के बाद कुलपति महोदया ने रवीन्द्र बहादुर संग्रहालय का भ्रमण कर पुरातत्व विथिकाओं से अवगत हुईं। सर्वप्रथम कुलपति महोदया को संग्रहालय के इतिहास की जानकारी दी गई जिसके बाद उन्होंने संग्रहालय स्थित सभी 6 गैलरियों का भ्रमण किया। पहली गैलरी में विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग के छात्रों द्वारा निर्मित चित्रों का अवलोकन किया। इसके बाद पुरातत्व विथिका गैलरी में सिंधु घाटी, मौर्य कला, शुंग कला, मथुरा एवं गांधार कला आदि की जानकारी ली। इसके अतिरिक्त विथी में प्रदर्शित प्राचीन तिजोरी एवं भोरमदेव मंदिर माॅडल में भी रूचि ली। मूर्तिकला गैलरी में सोमवंशी, कलचुरी कालीन मूर्तियों से अवगत हुईं। यहां हिन्दुओं के पंच देवता शिव, शक्ति, विष्णु, सूर्य एवं गणेश की कृतियों का भी अवलोकन किया साथ ही जैन एवं बौद्ध धर्म की कलाकृति को भी बारिकी से देखा। चित्रकला विथिका में लोक चित्रकला में प्रदर्शित आदि चित्रकला की भी जानकारी ली जो अलग-अलग प्रांतों की है। वाद्ययंत्र विथिका में तंत्री वाद्य, अवनद्ध वाद्य एवं सुषिर वाद्य यंत्रों का अवलोकन व निरीक्षण किया। अंत में प्रसिद्ध चित्रकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग से भी अवगत हुई जिसे विश्वविद्यालय का अमूल्य धरोहर बताया। अंत में संग्रहालय के क्यूरेटर डाॅ.आशुतोष चैरे ने कुलपति महोदया को संग्रहालय संबंधी साहित्य पुस्तकें भेंट की वहीं कुलपति महोदया ने विजिटर बुक में अपनी अनुभूति को कलम के माध्यम से अभिव्यक्त किया। निरीक्षण के दौरान प्रभारी कुलपति सचिवालय एवं सहायक कुलसचिव श्री राजेश कुमार गुप्ता उपस्थित थे।