इस कुरीति और अंधविश्वास का सब खुलकर विरोध करें
सिद्धि मां बकरे की नहीं हमारी बुराइयों की बलि मांगती है
विरोध और शैक्षणिक जागरूकता दोनों आवश्यक
अब बलि प्रथा रूपी कुरीति की बलि चढ़ाने का समय आ गया है
आओ सब मिलकर इस कुरीति और अंधविश्वास की हमेशा के लिए बलि चढ़ा दें
*प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन, जिला बेमेतरा इसका खुलकर विरोध करता है
बलि प्रथा सिद्धि माता में बलि प्रथा पर तत्काल रोक लगाई जाए। मैं स्वयं और हमारे एसोसिएशन के 100 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के संचालकों, हजारों टीचर्स और लाखों विद्यार्थियों एवं उनके लाखों अभिभावकों के तरफ से देवी मां में निरीह पशुओं की बलि का घोर विरोध करता हूं। दंडी स्वामी श्री ज्योतिर्मयानंद जी महराज का पूर्ण समर्थन nकरता हूं। बेमेतरा और आस पास के सभी से निवेदन इस कुरीति और अंधविश्वास को दूर करने सभी आगे आएं। इसका खुलकर विरोध करें। जो उस रास्ते में बकरा ले जाते हुए गाड़ी और व्यक्ति दिखे उसे रोकें, समझाएं, जरूरत पड़े तो जब्त करवाएं। जो नियम से कानूनन विरोध हो सकता है अपने अपने स्तर में जरूर करें। कुछ चंद लोग ही लालच में ये कर रहे हैं। अधिकांश लोग आज भी इस कुरीति और अंधविश्वास के विरोध में है। जिनसे जैसा बन पड़े वैसा विरोध करें। सोशल मीडिया, न्यूज, व्हाट्सएप, स्टेट्स। शासन को पत्र लिखना, धरना, प्रदर्शन, शैक्षणिक जागरूकता जैसे भी हो विरोध की यह आग बुझने मत देना आप सब सहयोग से यह अगले साल से हर हाल में 100% बंद होकर रहेगा। कोई भी सिद्ध देवी/मां बकरे की बलि नहीं मांगती। आपके विरोध से सिद्धि माता जरूर प्रसन्न होगी क्योंकि आपके इस कदम/समर्थन से लाखों निरीह प्राणियों का जान बचेगा। जिंदगी बचाना मारने से सदैव अच्छा है।