इकरा फाउंडेशन ने प्रथम मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख को दी श्रद्धांजलि
इस दौरान सिविल अस्पताल खैरागढ़ में भर्ती मरीजों को फल वितरण भी किया
खैरागढ़.- शिक्षा के क्षेत्र में विगत 7 वर्षो से अनवरत बेहतर कार्य कर रही संस्था इकरा फाउंडेशन ने भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख की जयंती पर गुरुवार 9 जनवरी को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान इकरा फाउंडेशन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने गुरुवार की दोपहर 3 बजे सिविल अस्पताल खैरागढ़ में जाकर वहां भर्ती मरीजों को फल व बिस्किट का वितरण किया और मरीजों का हाल-चाल भी जाना और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की. इस दौरान इकरा फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य एवं नपा उपाध्यक्ष अब्दुल रज्जाक खान, इकरा फाउंडेशन के अध्यक्ष खलील कुरैशी, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक बिसेन, इकरा फाउंडेशन के कोषाध्यक्ष शमशुल होदा खान, इकरा फाउंडेशन के सचिव एवं जिला पत्रकार संघ उपाध्यक्ष मो. याहिया नियाज़ी, वरिष्ठ सदस्य कदीर कुरैशी व शाहरुख खान सहित अन्य सदस्यगण मौजूद थे. इस अवसर पर इकरा फाउंडेशन के सदस्यों ने फातिमा शेख को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
भारत की प्रथम मुस्लिम शिक्षिका थी फातिमा शेख
गौरतलब है कि समाजसेविका सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर भारत की प्रथम मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख ने लड़कियों और दलितों की शिक्षा पर काफी काम किया था. एक बार जब सावित्रीबाई फुले काफी बीमार पड़ गई थीं, तो अकेले फातिमा शेख ने पूरा स्कूल संभाला था. खास बात ये है कि सावित्री बाई फुले को स्कूल खोलने के लिए फातिमा शेख ने ही अपनी जगह दी थी. इकरा फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य अब्दुल रज्जाक खान व फाउंडेशन के अध्यक्ष खलील कुरैशी ने कहा कि भारत देश में शिक्षा के क्षेत्र में फातिमा शेख के दिये अमूल्य योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता और उन्होंने समाज सेविका सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर विशेषकर बालिका शिक्षा के लिये सतत काम करते हुये बेहद अमूल्य योगदान दिया. इकरा फाउंडेशन के सचिव मो. याहिया नियाज़ी ने कहा कि एक महिला होते हुए भी शिक्षा के क्षेत्र में फातिमा शेख ने देश में ऐतिहासिक कार्य किया और अपना नाम हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज़ करा लिया.