ईरादा पक्का हो और संकल्प सच्चा हो तो कोई कार्य असम्भव नहीं है ऐसे ही संकल्प और ईरादा हो तो पर्यावरण को हरा भरा और स्वच्छ तथा प्रदूषण रहित बनाया जा सकता है लो ऐसी ही संकल्प लेकर आज से 25 वर्ष पूर्व श्री कमलेश्वर सिंह राजपूत ने 1995-96 पर्यावरण सरक्षण हेतु कार्य प्रारम्भ किया है l भारत सरकार के वन एवम पर्यावरण मंत्रालय और छत्तिसगढ़ राज्य पर्यावरण एवम सरक्षण मंडल दुवारा संचालित क्रमश :आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण जागरुकता अभियान
एवम इको क्लब के माध्यम से पर्यावरण का सरक्षण के क्षेत्र मे उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है.
उन्होंने अपने गृह ग्राम बिडोरी मे 50 से अधिक युवा -युवतियों, महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्राम पंचायत धनगांव दुवारा प्रस्ताव पारित करवा कर गैर कृषि भूमि चरागाह भूमि मे स्वत: उगने वाले विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधों को काटने पर प्रतिबन्ध लगवाये.काटने पर ग्राम पंचायत दुवारा जुर्माना लगाए जाने का प्रस्ताव कराये उनसे भी नहीं मानने पर तहसील दार से शिकायत कर कटने से रोका गया जिसका परिणाम हजारों वृक्ष कटने से बच गए l इससे प्रेरित होकर आस पास के ग्रामो मे भी यह अभियान चलाया गया l वन विभाग के सहयोग से लगभग 3 एकड़ अतिक्रमण भूमि मे मे लगभग 500 फलदार पौधे रोपे गये l
ज्ञात हो की श्री कमलेश्वर सिंह ने नवोदित युवा संगठन सामाजिक संस्था का गठन कर युवा एवम महिला मंडल, समूह का निर्माण कर इन्हे समाजिक सांस्कृतिक , खेल कुद, साहित्यिक गतिविधियों से जोड़कर नई दिशा दी है 1995-96 से शासकीय सेवा मे आने के बाद भी उन्होंने ऐसे गतिविधियों के संचालन मे ब्रेक नही लगाया है बल्कि विभिन्न संस्थाओ के साथ मिलकर इस क्षेत्र कार्य अनवरत जारी है l
श्री सिंह आज भी शासकीय संस्थाओ, सामाजिक भवनों, कृषकों को खाली भूमि, मेड मे वृक्षारोपण करने छात्र/छात्राओ को अपने घर बाड़ी मे फल और फुलदार पौधे रोपित करने हेतु प्रेरित करने के अतिरिक्त प्रत्येक आम नागरिकों को जल सरक्षण करने, जैविक प्रदूषण रोकने, वर्मी कंपोस्ट को बढ़ावा देने, ई- वेस्ट का रि साइकिल करने, ऊर्जा बचत करने, प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने तथा ग्रीन एनर्जी अपनाने के लिए जन जागरुकता ला रहे है l
वर्तमान मे श्री कमलेश्वर सिंह शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैरागढ़ मे व्याख्याता (भूगोल) के पद पर कार्यरत है तथा प्रभारी प्राचार्य का दायित्त्व सम्भाल रहे है. उन्होंने अपनी संस्था मे राज्यपाल पुरुस्कार से प्राप्त राशि 20 हजार को मिलाकर 200×17 क्षेत्रफल मे क्यारी बनाकर फुल एवम फलदार पौधे रोपित करवाये है तथा शिक्षक साथियों के सहयोग क्यारियाँ तैयार कर सो पत्तियाँ एवम फुलदार पौधे लगाये गये है जिसकी लागत लगभग 1 लाख 50 हजार होगी l उनके दुवारा 100 से अधिक प्रथमिक एवम माध्यमिक शालाओ के शिक्षकों को लेकर “शाला को स्वच्छ बनाये रखने हेतु ” क्रियात्मक शोध किया गया है जिसका प्रस्तुति करण राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद रायपुर बेहतर ढंग से किया गया ल
नि: संदेह श्री कमलेश्वर सिंह राजपूत दुवारा पर्यावरण सरक्षण हेतु किये गये और वर्तमान मे भी प्रयास जारी रखना सरानीय और अनुकरणीय है l इनसे यह प्रेरणा लेना आवश्यक है कि महज एक दिन राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस एवम विश्व पर्यावरण दिवस के दिन ही वृक्षारोपण कर छोड़ देने से काम नहीं चलेगा बल्कि वर्ष भर उनकी देख रेख करना जल सिंचित करते रहना आवश्यक है