भ्रष्टाचार : वनांचल की सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे, पांडादाह,सांकरा से चिचका, कुर्रुभाट, भरतपुर सड़क का बुरा हाल
ख़ैरागढ़ 00 के सी जी जिला मुख्यालय से महज कुछ 12 से 14 किमी की दूरी पर सड़कें दम तोड़ चुकी हैं। पैच रिपेयर वर्क के नाम पर लाखों डकारने वाले अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये का खामियाज़ा आम जन मानस को उठाना पड़ रहा है। पांडादाहा से सांकरा होकर चिचका, कुरुभाट,भरतपुर तक जाने वाली पूरी सड़क में जगह – जगह बड़े – बड़े गड्ढे हैं। सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। सड़क पर बिखरे गिट्टी पत्थरों के चलते रोज़ाना लोग हादसो का सिकार हो रहे है। आए दिन गाड़ियों के टायर पंचर हो रहे हैं। ग्रामीण शासन – प्रशासन के आला अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक कई बार गुहार लगा चुके हैं,लेकिन सड़क में अभी तक किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं हुआ है। न ही नई सड़के बनाई जा रही है।
पुलिया के गड्ढे से खुल रहा भ्रष्टाचार का भेद
मुख्य सड़क पर बने पुलिया में बड़ा गड्ढा हो गया है। जिसमें में लगी लोहे की जालियां पुलिया निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का भेद खोल रही हैं। सड़को के हालात इस कदर खराब हैं कि लोग पुलिया से बचते बचाते गड्ढों के बीचों बीच सड़क में चल रहे हैं।
बारिश में होगी परेशानी
मानसून आने में बमुश्किल से 15 से 20 दिन का समय बाकी है। और सड़कों के बिगड़े हालत सुधरने की दूर दूर तक कोई संभावना नज़र नहीं आ रही है। ऐसे में वनांचल में बसे आम जन को परेशानी होनी तय है।
सड़कों का काम हुआ शुरू
लगातार प्रकाशित खबरों में हरकत में आए लोनिवि ने जुरलाकला से प्रकाशपुर सड़क का निर्माण एक बार फिर शुरू कर दिया है। निर्माण एजेंसी आनन फानन में सड़कों पर गिट्टी पटककर काम दिखाने का प्रयास कर रहा है। इसी तरह टेकापार चौंक से अटका हुआ काम भी शुरू हो चुका है।
जिला मुख्यालय से लगी सड़के भी अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रही हैं।
बदहाली की ये कहानी वनांचल में ही है ऐसा नहीं है। बल्कि जिला मुख्यालय से केंद्रीय विद्यालय होते हुए कोहंकाबोड़ की ओर जाने वाली सड़क के हालात भी इतने ही बुरे हैं धरमपुरा से दिलीपपुर खजरी रोड़ की स्थित भी बद से बत्तर हैं। जबकि यहाँ पर वर्ष भर स्कूली छात्रों की आवाजाही रहती है। बावजूद इसके इस सड़क फिक्र न ही पीएमजीएसवाय के अधिकारियों को है। और न ही लोनिवि के अधिकारियों को है।
चारगाह बन चुका है पीडब्लूडी और पी एम जी एस वाई
पीडब्लूडी विभाग पूरी तरह से अधिकारियों के लिए चारगाह बन चुका है। फिर चाहे पेंच रिपेयर वर्क हो या फिर बिना समान खरीदे फ़र्ज़ी बिल बनाने की दास्तान । विभाग के अधिकारी पूरी तरह से बेखौफ हो चुके हैं। क्योंकि कमीशन की खेप सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक पहुंचती हैं।
नहीं मिला जवाब
मामले में पक्ष जानने पीडब्लूडी के ई ई ललित वॉल्टर तिर्की और एसडीओ संजय जागृत से लगातार संपर्क का प्रयास किया गया। लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया।