अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी का नहीं है अपने अधीनस्तों पर नियंत्रण
आवारा पशुओ पर कोई नियंत्रण नहीं प्रतिदिन हो रही है दुर्घटनाये
सरस्वती संकेत से कृष्ण कुमार सोनी की रिपोर्ट –
जनसँख्या एवं क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा नगर पंचायत गँड़ई के आम आदमी परेशान है , नगर के चारो तरफ हर गली हर चौराहे पर सुबह से शाम तक आवारा पशुओ का जमवाड़ा बना रहता है जिससे प्रतिदिन कई तरह की दुर्घटनाओं की आशंका बानी हुई होती है , इस मामले में नगर प्रशासन कुम्भकर्णी निद्रा में सोया हुवा एक बड़े दुर्घटना का इंतजार कर रही है , नगर के पंडरिया मार्ग पर शासकीय अशासकीय सहित सभी प्रमुख स्कूल है जिसमे नगर एवं नगर के बाहर के करीब 2 – 3 हजार बच्चो का अध्यापन कार्य चलता है प्रायः देखा जाता है की इसी मार्ग पर रोड के बीचो बिच आवारा पशुओ का जमवाड़ा बना रहता है जिससे छोटे बच्चो को स्कूल आने जाने में काफी मशक्क्त का समाना करना पड़ता है
इस पर नगर प्रशासन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जाती है , कार्यवाही के नाम पर मुनियादी करा दी जाती है लेकिन कार्यवाही बिलकुल जीरो है ऐसे में यदि छोटे बच्चो के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो इसका जवाबदार कौन होगा ?
क्या नगर प्रशासन आम जनता से सिर्फ दुनिया भर के टेक्स लेने के लिए ही है ?
आज पर्यन्त तक पशु मालिकों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गयी है ?
क्या छत्तीसगढ़ शासन का गौठान योजना सिर्फ कागजो तक ही है या इसकी कोई वास्तविकता भी है ? ऐसे में आम जनता किसके पास जाये , पशु मालिकों पर कार्यवाही हो , आवारा पशुओ को व्यवस्थित करे ताकि कोई बड़ी और अप्रिय घटना न हो