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विधान सभा खैरागढ़ इतिहास में जाए तब लगता है यह विधान सभा में कांग्रेस पार्टी के एक से बढ़ कर एक बुध्दीजीव ,वकिल डाक्टर ‌सभी वर्ग से पढ़े लिखे लोग इस दल में थे।

राजू अग्रवाल खैरागढ़
विधान सभा खैरागढ़ इतिहास में जाए तब लगता है यह विधान सभा में कांग्रेस पार्टी के एक से बढ़ कर एक बुध्दीजीव ,वकिल डाक्टर ‌सभी वर्ग से पढ़े लिखे लोग इस दल में थे।
विधान सभा खैरागढ़ जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग हुआ करता था यह सन 1962 का एक घटना है । विधान सभाचुनाव खैरागढ़ में टिकट प्राप्त करने के खींच तान ने ब्लाक कांग्रेस कमेटी खैरागढ़ को दो गुट में बट चुका था ।उस वक्त दिल्ली से इस मसले को निपटाने के लिए आब्जर्वर बंगाल टाइगर अतुल्य दोष जो नेहरूजी के मंत्री मंडल के मंत्री थे वे जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग के यह मामला वहां नहीं सुलझा तब अतुल्य घोष खैरागढ़ आए इस मसले‌ को सुलझाने विधान सभा खैरागढ़ के कांग्रेस टिकट के दावेदार विजयलाल ओसवाल एवं लाल ज्ञानेन्द्र सिंह थे ।
खैरागढ़ के कांग्रेस दल के स्थानीय नेताओं में लाल बस बहादुर,लाल सी बी सिंह,लाल शरण सिंह,लाल विक्टर सिंह,मारूती शरण सिंह,शिव कुमार तिवारी,राम सहाय अग्रवाल,हाफिज अनवर खान ,टहगुरिया वकिल ,टुटकने वकिल , गुलाबचंद जैन वकिल सभी वहां शक्ति प्रदर्शन के साथ अपने प्रत्याशीयों का दावेदारी के लिए पक्ष रखें सभी कांग्रेसी पढ़े-लिखे के साथ अंग्रेजी माध्यम भाषा से खैरागढ़ के कांग्रेसी ने आब्जर्वर से बात किया अतूल्य घोष ने सबका पक्ष सुन कर दिल्ली कांग्रेस चयन समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुआ लिखा खैरागढ़ छोटा क़स्बा है पर वहां पढ़ें लिखे लोगों का सख्या अत्यधिक है ।
राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह राजकुमार कालेज ,मेयो कालेज अजमेर , इलाहबाद युनिवर्सिटी, में शिक्षा प्राप्त किये ।देश आजादी के बाद राजाविरेन्द्र बहादुर को शिक्षित थे इसीके बदौलत लिस्बन पुर्तगाल के राजदूत बनाया गया था।
रविन्द्र बहादुर सिंह कि शिक्षा दून स्कूल देहरादून में हुई, दिल्ली युनिवर्सिटी में इन्जिनियरिंग कि शिक्षा,दुन स्कूल में पांच विषय में डिक्टेशन लाए उस समय दून स्कूल का परिक्षा पेपर इंग्लैंड में जीचता था।
शिवेंद्र बहादुर सिंह दून स्कूल में पढ़े थे इनके बेचमेट राजीव गांधी, संजय गांधी थे ।
शिवेंद्र बहादुर सिंह असाम टी में नौकरी किये ।बाद में सांसद सदस्य बने ।
बशबहादुर,मारूती शरण सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह,टहगुरिया वकिल ,टुटकने वकिल,उस समय के बारे कांग्रेस के नेता मारिश कालेज नागपुर में पढ़ें थे।
शिक्षा का महत्व को उस समय भी लोग समझते थे।
आज़ आर्यव्रत सिंह को भी क्षिक्षा में
ध्यान देने का समय है अभी क्षिक्षा प्राप्त करना जरूरी है। शिक्षा प्राप्ति पश्चात किसी भी दिशा में जाएंगे सफ़लता के द्वार खुला होगा।

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