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बीरबल की पीडा से खुली प्रशासन की पोल

*बीरबल की पीडा से खुली प्रशासन की पोल*

*▶️ प्रायोजित चर्चा से असल लोग अपनी बात कहने से वंचित रह गये*

*▶️ खैरागढ़ विधायक को लेकर रही चर्चा*

*▶️ कालेज तो मिला पर भट्टी की नही हुई सुनवायी*

*राजनांदगांव।* मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज भेट मुलाकात समारोह के तहत डोंगरगांव विधानसभा के एलबी नगर के बाद अर्जुनी पहुंचे। अर्जुनी के स्टेडियम से लगे मैदान में हेलीपैड में हेलीकॉप्टर उतारने के बाद जब सीएम का काफिला दिलीप धनपाल अर्जुनी के घर भोजन करने जा रहे थे तो अर्जुनी की सडक पर खडी जनता उन्हें पहचान नहीं पाई। काफिले की बंद गाडियो मे सीएम भूपेश बघेल किस गाडी में है। इसको लेकर सडक पर खडी जनता उन्हें ढूढ रही थी। एक बन्द गाडी मे सीएम भूपेश बघेल की खामोशी को लेकर लोग आश्चर्यचकित थे । हमेशा खुश होकर जनता को देखकर हाथ हिलाने वाले भूपेश बघेल की गंभीरता आश्चर्यजनक रही। चर्चा रही कि वह खुली जीप पर विराजमान होकर काफिले में दिलीप धनकर के घर जाते तो बात ही अलग रहती। काफिले में शामिल अंत्यावसायी निगम के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त धनेश पाटिला के सरकारी गाड़ी में रेत ,गिटटी ,मुरूम चोर बडी संख्या में चिपक कर बैठे थे ।जिसके कारण पाटिला़ असहज महसूस कर रहे थे। उस गाड़ी के ठीक आगे सांसद निधि द्वारा प्रदत्त जर्जर एंबुलेंस चल रही थी। जिसकी खड़खडाहट वातावरण में अलग ही माहौल पैदा कर रही थी। इस काफिले में कई ऐसे चेहरे नेताओं के साथ जबरन इस तरह चिपके रहे कि लोग उन्हें नेता माने ।अर्जुनी में सीएम के स्वागत में खडे जिला पंचायत सदस्य महेंद्र यादव एवं पर्यटन बोर्ड सदस्य निखिल द्विवेदी युवको को नही जुटा पाये। उंगली में गिने जाने वाले युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर नाराजगी दिखाई दे रही थी। इन नेताओं ने गुब्बारे तथा फायरवर्क से माहौल बनाने का प्रयास किया पर फीका स्वागत की चर्चा चलती रही। यहां पर मुख्यमंत्री भोजन करके सीधे हाई स्कूल मैदान भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पहुंचे। जहां पर लगभग डेढ़ घंटा उन्होंने डोंगरगांव विधानसभा की जनता से विभिन्न योजनाओं को लेकर जानकारी ली और उनकी शिकायतों और दूर करने की पहल भी की। हास परिहास के बीच मंच पर खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा को लेकर लोगों में आश्चर्य की स्थिति रही कि खैरागढ़ विधायक अचानक अपने विधानसभा को छोडकर डोंगरगांव विधानसभा के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में कैसे पहुंची। क्या आने वाले विधानसभा में डोंगरगांव सीट से उसकी दावेदारी तो नहीं है ।इसको लेकर राजनीतिक लोगों में कानाफूसी शुरू हो गई । इस कानाफूसी को बल उस समय मिला ,जब डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू ने अपने उदबोधन में कहा कि सीएम साहब मेरे को भले विधायक की टिकट ना दे लेकिन अर्जुनी की जनता को कॉलेज सहित कुछ मांगे जरूर पूरी करें। यह कहते ही कानाफूसी फिर बढ़ते गई। इस भेंट मुलाकात में गोवर्धन योजना, भूमिहार योजना ,वर्मी कंपोस्ट गोबर खरीदी योजना आदि योजनाओं की प्रगति और लाभ को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा की जनता से जानकारी ली । हालांकि भेट मुलाकात प्रायोजित नजर आयी। कार्यक्रम में अव्यवस्था का आलम यह रहा कि डोगरगाँव व अर्जुनी की जनता को जगह नही मिल पायी । यहाँ डौडी लोहारा ,बालोद व अन्य जिले के लोग मौजूद रहे।इसमे बालोद व डौडी के लोग अपनी बात कहते रहने पर सीएम को नाराज होकर कहना पडा कि यह भेट मुलाकात डोंगरगांव विधानसभा के लोगों के लिये है। सीएम से भेट मुलाकात में अर्जुनी के रहवासियो ने शिकायत भी की कि यहां अर्जुनी की शराब भट्टी हटाई जाए ।इसको लेकर मुख्यमंत्री ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी।इस पर फिर अर्जुनी के लोगो के फिर इस सम्बन्ध में बोलने पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मैं आपको बोलने का जरूर मौका दूंगा ,परंतु विधायक दलेश्वर के संबोधन के बाद उन ग्रामीणों को शराब भट्टी को लेकर अपना विरोध दर्ज करने का मौका ही नहीं मिला। इससे भी लोग मायूस नजर आयेऔर यह कहते नजर आये कि सीएम ने हमे अपनी बात कहने का मौका ही नही दिया। इस भेट मुलाकात मे प्रायोजित लोगो द्वारा अपनी बात कहने की भी चर्चा चलती रही।इस मुलाकात में मोहला से आए आदिवासी बीरबल नेताम ने अपने साथ घटित अपनी दर्दनाक व्यथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष रखते हुए कहा कि उसकी बेटी महिमा नेताम को साधारण पेट दर्द आदि की तकलीफ थी उसे राजनांदगांव मेडिकल कालेज अस्पताल में भरती कराया गया था, परंतु राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने 20 दिन बिटिया महिमा नेताम को अस्पताल मे उपचार करने के बाद हर दिन उससे बीमारी को लेकर पूछताछ करते रहे। जब मैने पूछा कि डाक्टर आप हो और हर दिन मुझसे बीमारी पूछते हो ऐसे डाक्टर अब डाक्टर कहलाने लायक नही है।डाक्टरों द्वारा उसका सही इलाज नहीं कर बिटिया को टीवी की बीमारी बताते रहे और गलत दवा देकर मार डाला। जबकि ऐसी कोई बीमारी उसकी बिटिया को नहीं थी। जब मैंने बिटिया की मौत पर डाक्टरो से पीएम कराने के लिए कहा तो डॉक्टरों ने टालमटोल कर किया बाद में विरोध के बाद बिटिया का पीएम हुआ तो उस रिपोर्ट में मौत का कारण कुछ नहीं बताया गया ।इस बात को लेकर मैंने कलेक्टर डोमन सिंह और एसपी प्रफुल्ल ठाकुर से भी मुलाकात कर आवेदन दिया परन्तु आज तक इस मामले में कुछ कार्यवाही नही हो पायी। यह सुनते ही एक बार कलेक्टर और एसपी के चेहरे पर घबराहट देखने लायक था और सीएम भी काफी गंभीरता से बीरबल की व्यथा सुन रहे थे। बीरबल व एक अन्य की बातचीत प्रायोजित नही लगी बाकी अन्य लोग प्रायोजित होने की चर्चा रही। बीरबल के संम्बोधन के बाद लोगों को लग रहा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बडे मामले में तत्काल कोई बड़ी कार्रवाई की घोषणा करेंगे परन्तु ऐसा कुछ नही हुआ। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हम जांच कमेटी बना देते हैं और जांच कर देंगे।

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