खैरागढ़। जिला निर्माण के लोकार्पण से पहले विधायक प्रतिनिधि पद से इस्तीफे की पेशकश करने वाले शहर अध्यक्ष को विधायक ने जिम्मेदारी से मुक्त किया, सीएम की सभा को देखते हुये इस्तीफे के सवाल पर ना नुकुर करने वाली विधायक ने सभा समाप्ति के बाद 48 घंटों के भीतर नपा में नये विधायक प्रतिनिधि की नियुक्ति कर इस आशय का पत्र भी जिला कलेक्टर को भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि 27 अगस्त को नपा में बतौर विधायक प्रतिनिधि नियुक्त शहर कांग्रेस अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़ ने पारिवारिक कारणों से इस्तीफा संबंधी पत्र विधायक यशोदा वर्मा को सौंप दिया था लेकिन 3 सितंबर को सीएम भूपेश बघेल की आम सभा को देखते हुये विधायक ने आपसी अंतर्कलह को सार्वजनिक होने से बचाने इस्तीफे की जानकारी होने से इंकार कर दिया और अब जब सीएम की सभा हो गई तो नाटकीय रूप से देर शाम नपा में नये प्रतिनिधि की नियुक्ति कर दी। राजनैतिक समझ के लोगो का कहना है कि सत्ता सरकार और जिला निर्माण के सीएम की घोषणा से उपचुनाव में जीतकर आई विधायक बतौर स्टाम्प काम कर रही है, कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता विधायक पति के हस्तक्षेप से हताश परेशान हो गये है लेकिन कहते है ना समय बड़ा बलवान होता है इसके चलते जमीनी कार्यकर्ता मौन साधे हुये है।
नवाज का पक्ष लेना पड़ा भारी
सीएम की सभा से ठीक 24 घंटे पहले नये बस स्टैंड में किसान सम्मान को लेकर नवाज खान की वृहद तैयारी से विधायक यशोदा वर्मा नाराज हो गई, अधिकारियों को फटकारा और परमिशन को लेकर सवाल जवाब करने लगी इसी दौरान शहर अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़ ने कहा कि तैयारी पांच दिन से चल रही है सब देख रहे और आपको भी जानकारी है, मंच से कांग्रेस कार्यकर्ता ही सीएम का स्वागत करेंगे इसलिये इशू ना बनाए लोगो का मानना है कि भारी भीड़ में श्री छाजेड़ की यही साफगोई विधायक को नागवार गुजरी और भूपेश की सभा निपटाने इस्तीफा वापसी के लिये अनुनय विनय किया और सभा समाप्ति के बाद उस पद में नई नियुक्ति कर दी।
क्रेडिट ले रही विधायक
लोकार्पण कार्यक्रम में लोगो के हुजूम का क्रेडिट लेने का प्रयास कर रही विधायक मुगालते में है लोगो का कहना है कि प्रशासनिक व्यवस्था और फंडिंग के चलते लोग पहुंचे, विधायक के जेब से फूटी कौड़ी नहीं निकली है और क्रेडिट लेने का झूठा प्रयास कर रही है। दबे जुबान में अधिकारी भी कह रहे कि विधायक पति की चंदा वसूली से लगता है 2023 के आम चुनाव के लिये फंड जमा कर रहे। पता चला है कि नये जिले में प्रत्येक विभाग और उसके मुखिया के पास विधायक पति का फोन गया है जहा विधायक की नाराजगी का हवाला देते हुये राजनैतिक भाषा में सहयोग राशि की मांग की गई है शायद यही बात विभाग में विधायक प्रतिनिधि का पद संभाल रहे कांग्रेसियों को रास नहीं आ रही है।
बिल्ली के भाग का छींका फूटा
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में विधायक को लेकर नहीं पति की कार्यशैली को लेकर नाराजगी सार्वजनिक मंच से सुनाई दे रही है, सत्ता सरकार के दम पर उपचुनाव जीतकर आई यशोदा को समय रहते पति की कारगुजारियो पर विराम लगाना चाहिये नहीं तो 2023 के आम चुनाव में कार्यकर्ताओ का टोंटा पड़ जाएगा और उस समय बड़े नेता अपने क्षेत्र को छोड़कर मनुहार करने नहीं आयेंगे वैसे भी लोगो का कहना है कि चुनाव यशोदा नहीं सरकार लड़ी और जीती है इसलिये इस दंभ को दरकिनार करना जरूरी है।