राजू अग्रवाल खैरागढ़ की रिपोर्ट मोक्षदा चंद्राकर उर्फ ममता चंद्राकर को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय मे कुलपति पद पर 2020 में नियुक्ति किया गया!
राज भवन रायपुर रायपुर से एक वैकेंसी निकला था जिसमें कुलपति पद के लिए योग्यता का भी उल्लेख था जिसमें 10 वर्ष का प्रोफेसर पद पर कार्य करने का अनुभव होना चाहिए!
ममता चंद्राकर के पास 10 वर्ष प्रोफेसर का अनुभव नहीं था इसके बावजूद उसकी नियुक्ति कुलपति पद पर किया गया!
इसके बाद नियुक्ति पश्चात राज भवन और मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री को शिकायत किया गया मोक्षदा चंद्राकर के पास 10 वर्ष का अनुभव प्रोफेसर का नहीं है
इसके बावजूद राजनीतिक पहुंच के चलते उसकी नियुक्ति खींचते चला गया
इसकी नियुक्ति के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में भी रिट पीटिशन दायर किया गया!
उच्च न्यायालय बिलासपुर में यह अभी भी विचाराधीन है!
कल दिनांक 21/ 6 /2024 को ममता चंद्राकर शासन आदेश पर हटा दिए गए!
इसे हटाने के लिए बी आर यादव रिटायर्ड शिक्षक नें अनेक शिकायत प्रशासन स्तर और राजभवन में किया
अंत में उसके बावजूद जब उनकी आवाज को दरकिनार किया गया वह खैरागढ़ में सत्याग्रह में अकेले ही बैठ गए!
उन्हीं का सत्याग्रह और लिखा पढ़ी के बदौलत मोक्षदा चंद्राकर को कुलपति पद से हटाया गया!
अपनी लड़ाई में सफल बी यादव हुए श्रेय यादव को जाता है!
गांधी वादी व्यक्ति हैं सत्याग्रह के बदौलत अपनी लड़ाई में सफल हुए!
उच्च न्यायालय में ममता चंद्राकर की गलत नियुक्ति पर पीटिशन दायर किया गया है जिसका मुख्य बिंदु यह है इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के संबंध में जो निविदा प्रकाशन किया गया था उसमें शर्त था कुलपति के अभ्यर्थी को प्रोफेसर पद का 10 साल का अनुभव होना!
इस अर्हता नहीं रहते हुए भी उसकी नियुक्ति की गई!
उच्च न्यायालय द्वारा जवाब माँगा गया है ममता चंद्राकर के द्वारा कोई भी जवाब उच्च न्यायालय को नहीं दिया गया!
ममता चंद्राकर का नियुक्ति गलत ढंग से हुआ ममता चंद्राकर 4 साल तक गलत ढंग से कुलपति के पद पर रहकर के अनुचित फायदा उठाते रहे!
उच्च न्यायालय बिलासपुर में जवाब दावा पेश करने के बाद न्यायाधीशों के द्वारा निर्णय दिया जाना शेष है!